पीएचई विभाग के कारनामें से अधिकारी मस्त जनता त्रस्त

पीएचई विभाग के कारनामें से अधिकारी मस्त जनता त्रस्त

कबीरधाम जिले के जनपद पंचायत बोड़ला के ग्राम मिमिनिया मैदान में एक तरफ नलजल योजना के अंतर्गत हर घर नल जल योजना के तहत पाइपलाइन का जाल बिछाये 9 से 10 माह हो गए हैं तो वहीं दूसरी तरफ अब तक पानी टंकी के निर्माण की नींव नहीं रखी गई है, मनमानी की हद है तो तब देखने को मिलती है जब एक तरफ एक-एक बूंद के लिए लोग तरस रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ नलजल योजना के लिए 5 से 6 महीने पहले बोर खनन का कार्य किया गया है और उसमें मोटर डालकर रखा गया है जो की मनमानी तरीके से चलते रहता है हजारों लीटर पानी बेवजह प्रतिदिन बर्बाद हो रहा है इसकी जवाबदारी व बिल भुगतान किस मार्फ़त से किया जाएगा इसकी कोई जवाबदारी नहीं है तो दूसरी ओर गांव में नल जल योजना की पाइपलाइन पूर्ण होने के बाद भी ग्रामीण के घर तक पानी आएगा इस इंतजार में लोग बैठे हैं जिस स्थल पर बोर हुआ है वहां आज दिनांक तक पानी टंकी की नींव नही रखी गई है इस विषय पर बात करने जब पी एच ई विभाग के अधिकारी टोमन कुंजाम से संपर्क किया गया तो साहब के पास फोन रिसीव करने का समय नहीं है । कार्यालय जाने पर पता चलता है कि गांव गांव दौरे पर है यदि दौरा करते तो ऐसी स्थिती हि निर्मित नहीं होती ।

नल जल योजना में सरकार जहां करोड़ों खर्च कर रही है वहीं ऐसे अधिकारी इस पूरी योजना को विफल बनाने में बैठे हैं अधिकारी के मनमानी रवैया के चलते 9 से 10 माह के ऊपर हो गए हैं पाइपलाइन बिछे ऐसे में अब तक टंकी निर्माण पहले ही हो जाना था इस पर अधिकारी मौन बैठे हैं जो कहीं ना कहीं विभागीय कमी को दर्शाता है , ठेकेदार से बात करने पर स्थित पता चला कि टंकी निर्माण पर कुछ लोगों को आपत्ति है यदि आपत्ती थी तो ऐसे स्थल पर बोर का खनन क्यों किया गया ठेकेदार के द्वारा बार-बार अधिकारियों को पत्र लिखकर इस विषय पर अवगत कराया गया पर अधिकारी मुक् दर्शक् बने बैठे हैं इनके रवैया से लगता है कि ये कसम खाकर बैठे हैंं की योजना को विफल बना के हि रहेंगे। ठेकेदार के द्वारा टंकी निर्माण पर विलम्ब होने के विषय पर यह भी बताया गया कि पी एच ई विभाग को 100 बार से ज्यादा मौखिक एवं लिखित पानी टंकी हेतु भूमि के विषय पर चर्चा किया गया है पर पी एच ई विभाग के कोई भी अधिकारी इस विषय को संज्ञान में नहीं ले रहे हैं। पी एच ई विभाग के इंजिनियर टोमन कुंजाम के द्वारा फोन रिसीव ना करना उनकी विभागिय कमजोरी को दर्शाता है जो कहीं ना कहीं परेशानी की वजह बना हुआ है ।


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