आयकर विभाग की नई नीति:कारोबार को बढ़ाने या प्रोडक्ट प्रमोशन के लिए महंगा गिफ्ट
खुद के कारोबार को बढ़ाने या किसी प्रोडक्ट के प्रमोशन के लिए महंगा गिफ्ट दिया तो वह भी आयकर के दायरे में आएगा। इसके लिए नियम 1 जुलाई से लागू हो गए हैं। अब ऐसे लोगों को दिए गए गिफ्ट पर टीडीएस देना होगा। आयकर विभाग के अफसर इस पर नजर भी रखेंगे।
आमतौर पर कारोबार को फायदा पहुंचाने के लिए बड़े कारोबारी, ट्रस्ट, कंपनियां लोगों को गिफ्ट देती हैं। इसकी जानकारी इनकम टैक्स को नहीं दी जाती। कई बार केवल उन्हीं उपहारों की जानकारी दी जाती है जो सस्ते होते हैं और जिन पर आयकर नहीं लगता। लेकिन नए नियमों के बाद इस तरह के सभी उपहारों पर आयकर विभाग की पैनी नजर है।
आयकर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सीए चेतन तारवानी ने बताया कि बजट 2022 में टीडीएस कटौती के लिए एक नया सेक्शन 194आर लाया गया है। इसके तहत किसी व्यक्ति को दिया जाने वाला फायदा या गिफ्ट चाहे वो कैश हो या फिर गिफ्ट या फिर कहीं बाहर घूमने का पैकेज। जिससे कारोबारी या कंपनी को व्यापार आगे बढ़ाने में मदद मिलती है।
उसकी जानकारी आयकर विभाग को देनी होगी। अभी तक ऐसे गिफ्ट पर टीडीएस नहीं कटने के कारण लेने या देने वाला इसकी जानकारी अपने आयकर रिटर्न में नहीं देता था। लेकिन अब टीडीएस कटेगा तो गिफ्ट लेने वालों को इसे अपनी इंकम में दिखाना होगा। ऐसी चीजों या कैश पर 10 फीसदी टीडीएस कटेगा। वित्तीय साल के दौरान दिया गया फायदा या गिफ्ट 20 हजार से ज्यादा का होगा तो वो इंकम टैक्स के दायरे में आएगा।
इन स्थितियों में कर की कटौती नहीं की जाएगी
- यदि नियोक्ता कर्मचारी संबंध मौजूद है, तो धारा 192 के तहत कटौती होगी।
- यदि प्राप्तकर्ता अनिवासी है, तो धारा 195 के तहत कटौती की जाएगी।
- यदि लाभ या अनुलाभ का निवासी का व्यापार या पैसे से कोई संबंध नहीं है।
- यदि किसी ऐसे ग्राहक को लाभ-हानि लाभ दिया जाता है जो व्यापार से संबंधित नहीं है।
इसे ऐसे समझें
किसी व्यापारी की ओर से किसी व्यक्ति को अपने कारोबार प्रमोशन के लिए अनुदान के तौर पर 1 अप्रैल 2022 से 30 जून 2022 के बीच 10 लाख कैश, महंगी चीजें, टूर पैकेज, किसी सामान का सैंपल या पार्टी अनुदान के रूप में दी जाती है तो उसमें टीडीएस मान्य नहीं होगा। लेकिन उसी व्यक्ति को 1 जुलाई 2022 से 31 मार्च 2023 के बीच 5000 की भी राशि अनुदान के तौर पर दी जाएगी तो पूरे साल में दी गई कुल राशि में 5000 टीडीएस कटौती के लिए मान्य होगा।