महासमुंद : नीति आयोग की महानिदेशक एवं ज़िला प्रभारी सचिव निधि छिब्बर ने की आकांक्षी सूचकांकों की प्रगति की समीक्षा
महासमुंद : नीति आयोग की महानिदेशक (वि.अ.मु.का.) व राज्य नोडल अधिकारी आकांक्षी विकास कार्यक्रम एवं जिले के प्रभारी सचिव निधि छिब्बर ने आज गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला अधिकारियों की बैठक लेकर आकांक्षी सूचकांकों की प्रगति की समीक्षा की। प्रभारी सचिव श्रीमती छिब्बर ने आकांक्षी जिला के विभिन्न सूचकांकों, स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, कौशल एवं वित्तीय समावेश, बुनियादी ढांचे सहित अन्य क्षेत्रों में किए गए कार्यों एवं उपलब्धियों की समीक्षा की तथा रैंकिंग में सुधार के लिए और बेहतर प्रदर्शन करते हुए कमियों को दूर करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
छिब्बर ने समीक्षा करते हुए कहा कि कार्यों की प्रगति सूचकांकों के अनुरूप तीव्र गति से होनी चाहिए। इसके लिए समन्वय स्थापित कर कार्य करने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में जागरूकता बहुत जरूरी है। सिकल सेल जैसे बीमारी को रोकने के बेहतर प्रयास किए जा रहे है इसकी पहचान करने अभियान चलाकर कार्य किया जाए। कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों में सघन मॉनिटरिंग की जाती है, परंतु स्कूल में प्रवेश के पश्चात मॉनिटरिंग धीमी पड़ जाती है। इसके लिए शिक्षक भी आवश्यक प्रयास करें। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए विभिन्न सर्वे रिपोर्ट के अनुसार सुधार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पारम्परिक व्यवसाय जैसे कमार के द्वारा बांस और बसना क्षेत्र में बुनकरों द्वारा संबलपुरी साड़ी का निर्माण किया जाता है उसे कौशल विकास प्रशिक्षण के साथ जोड़ा जाए तथा उत्पादों को बेचने के लिए भी विशेष प्रयास किया जाए।
श्रीमती छिब्बर ने कहा कि आकांक्षी जिलों के लिए विभिन्न विभागों के लिए सूचकांक निर्धारित किए गए है। उन सूचकांकों के अनुरूप लक्ष्यों की उपलब्धि हासिल की जानी है। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए विशेष रूप से प्रयास करें। साथ ही डाटा एंट्री के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि एंट्री सही तरीके से हो सके। उल्लेखनीय है कि जिले में पिथौरा विकासखण्ड को आकांक्षी जिला के रूप में चयन किया गया है। श्रीमती छिब्बर ने सूचकांकों के सुधार के लिए जन्म के समय बच्चों के कम वजन को ध्यान में रखते हुए एनआरसी में भर्ती कराने और पोषण ट्रेकर के माध्यम से लगातार मॉनिटरिंग करने कहा है। साथ ही महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य और मितानिनों का बैठक लेने के निर्देश दिए।
कलेक्टर प्रभात मलिक ने जिले में चलाए जा रहे योजनाओं के बारे में बताया कि टीबी मुक्त पंचायत के लिए 292 ग्राम पंचायतों का चयन कर टीबी मुक्त ग्राम घोषित किया गया है। यह आंकड़ा राज्य में सर्वाधिक है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सिकल सेल जांच अभियान में 366801 सिकल सेल परीक्षण किए गए है। जिसमें से 539 मरीजों को दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी किए गए है यह भी राज्य में सर्वाधिक है। किशोरी एवं महिलाओं का लगातार एनीमिया जांच किया जा रहा है। जिले में स्वयं के भवन पर 1699 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है। इन आंगनबाड़ी केन्द्रों में २ात प्रतिशत विद्युतीकरण और गर्मी से बचने के लिए पंखा और कुलर की व्यवस्था की गई है। साथ ही समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों में गैस व चूल्हा से खाना पकाया जाता है। मरीजों को रिपोर्ट सीधे उनके मोबाईल नम्बर के माध्यम से भेजा जा रहा है। प्रतिदिन 200-250 ई-लैब रिपोर्ट मरीजों तक पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ब्लड स्टोरेज की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा अन्य सूचकांक के संदर्भ में भी चर्चा की गई।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस.आलोक ने विभागीय गतिविधियों से संबंधित प्रगति एवं लक्ष्य के संबंध में पावर पाइंट प्रेजेंटेशन दिया। बैठक में वनमंडलाधिकारी पंकज राजूपत, अपर कलेक्टर रवि साहू, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, महिला एवं बाल विकास एवं जिले के विभिन्न विभागों के ज़िला अधिकारी उपस्थित थे।