ऑनलाइन गेम की लत में गई जान, मेधावी कॉलेज छात्र ने किया सुसाइड

ऑनलाइन गेम की लत में गई जान, मेधावी कॉलेज छात्र ने किया सुसाइड

बिलासपुर : ऑनलाइन गेम खेलने के चस्के में एक मेधावी कॉलेज छात्र अपनी जान गंवा बैठा। ऑनलाइन गेम खेलने के चक्कर में उसने मोबाइल एप कंपनी से लोन ले रखा था। लोन की रकम पटाने के लिए लगातार दबाव बनने के बाद युवक ने घर में साड़ी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।

सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मंगला चौक संकट मोचन वाटिका निवासी 21 वर्षीय अमितेश चौबे पिता ताराचंद चौबे कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था। शनिवार की शाम 7 बजे उसने अपने कमरे में साड़ी से फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। उसकी मां ने उसे फांसी के फंदे पर लटका देखकर शोर मचाया। शोर सुनकर आसपास के लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई और आनन– फानन में फंदा काटकर उसे इलाज के लिए उसे सिम्स ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। रविवार को पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम करवाया और परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए शव सुपुर्द कर दिया।

पुलिस के प्रारंभिक जांच में जानकारी मिली है कि अमितेश चौबे ऑनलाइन गेम खेलने का आदी था और वह लोन देने वाली मोबाइल ऐप कंपनी से लोन लेकर रकम हार गया था। लोन की रकम पटाने के लिए उसको लगातार दबाव बनाया जा रहा था। उसके पिता ने भी उसे उधारी चुकाने के लिए पैसा दिया था पर उस रकम को भी युवक हार गया और उधार नहीं पटा पा रहा था। मोबाइल ऐप के माध्यम से लोन देने वाली कंपनियों के दबाव से परेशान होकर उसने फांसी लगाकर जान दे दी। सिविल लाइन पुलिस मर्ग कायम कर जांच में जुट गई है।

मामले की विवेचना कर रहे सिविल लाइन थाने के प्रधान आरक्षक नवीन सोनकर ने बताया कि अमितेश चौबे मेधावी छात्र था। शनिवार की शाम उसकी मां मोबाइल पर बात कर रही थी। इसी दौरान अमितेश ने मां की साड़ी से घर में अपने कमरे में फंदा बनाकर फांसी लगा ली। मां ने जब देखा तो पड़ोसियों को बुलाकर चाकू की मदद से फंदा काट अमितेश को नीचे उतारा और उसे निजी वंदना हॉस्पिटल लेकर गए। जहां डॉक्टर ने उसे सिम्स रेफर कर दिया। सिम्स में परीक्षण उपरांत अमितेश को मृत घोषित कर दिया।

प्रधान आरक्षक नवीन सोनकर ने बताया कि मृतक का अमितेश चौबे के पिता ताराचंद चौबे दीप बस सर्विस में बुकिंग एजेंट का काम करते हैं। मृतक अमितेश चौबे को ऑनलाइन मोबाइल गेम खेलने की आदत थी। जिसमें वह 15 हजार रुपए हार गया था। उसके पिता ने कर्ज चुकाने के लिए उसे 15 हजार रुपए दिया था। पर कर्ज चुकाने की बजाय उसे भी फिर से ऑनलाइन गेम खेल मृतक हार गया। प्रारंभिक रूप से लग रहा है कि आत्मग्लानि और लोन देने वाली मोबाइल एप कंपनी के दबाव के चलते मृतक ने आत्महत्या की है। मामले की जांच जारी है।


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