सनातन धर्म में क्यों महत्वपूर्ण हैं ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन, क्या हैं मान्यता जानें

सनातन धर्म में क्यों महत्वपूर्ण हैं ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन, क्या हैं मान्यता जानें

सनातन धर्म में ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस तिथि को पुण्यदायी करता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा होती है। इस साल ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा 22 जून, 2024 को मनाई जाएगी। आइए जानते है स्नान और दान का समय

21 या 22 जून कब मनाई जाएगी ज्येष्ठ पूर्णिमा?

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि 21 जून 2024 को सुबह 06 बजकर 01 मिनट पर शुरु होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन 22 जून, 2024 को सुबह 05 बजकर 07 मिनट पर होगा। पंचांग के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जून, शनिवार के दिन मनाई जाएगी और इसी दिन स्नान-दान किया जाएगा। हालांकि इसका व्रत 21 जून को किया जाएगा।

ज्येष्ठ पूर्णिमा स्नान-दान का समय

ब्रह्म मुहूर्त – 04 बजकर 04 मिनट से 04 बजकर 44 मिनट तक

– विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक

– अमृत काल – सुबह 11 बजकर 37 मिनट से दोपहर 01 बजकर 11 मिनट तक

गंगा स्नान व पूजन मंत्र

– गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानाम् शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति।।

-गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु।।

– गंगां वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतं । त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु मां ।।


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