महासमुंद जिले भर में आज बकरीद के इस पावन अवसर पर मुस्लिम भाइयों ने क्षेत्र की जनता और देश भर में रहने वालों की खैरियत की दुआ मांगी है। बकरीद के त्योहार को ईद-अल-अजह़ा और ईद-उल-अज़हा नाम से भी जाना जाता हैं. इस दिन को त्याग और कुर्बानी के तौर पर याद किया जाता है.
इस्लामी कैलेंडर के अनुसार हर साल आखिरी माह ज़ु अल-हज्जा की 10वीं तारीख को बकरीद का पर्व मनाया जाता है. इस साल बकरीद 17 जून 2024 यानी आज मनाई जा रही है. ये पर्व पैगंबर हजरत इब्राहिम से ही कुर्बानी देने की प्रथा शुरू हुई थी. इस दिन सूर्योदय के बाद नमाज़ अदा करने के बाद कुर्बानी दी जाती है.
माना जाता है कि एक दिन अल्लाह ने हजरत इब्राहीम के ख्वाब में आकर उनकी सबसे प्यारी चीज़ को अल्लाह की राह में कुर्बान करने को कहा था. इसी को लेकर हजरत इब्राहिम ने अल्लाह की राह में अपनी सबसे अज़ीज चीज अपने बेटे को अपने रब की रजा के लिए कुर्बान करने की ठानी थी।