क्या मिल गई मंकीपॉक्स की वैक्सीन? वायरस से पूरी दुनिया में दहशत
मंकीपॉक्स को लेकर लगभग सभी देशों में एहतियात बरतने के निर्देश दिए जा रहे हैं. दुनिया के 75 से ज्यादा देशों में मंकीपॉक्स के मामले सामने आ चुके हैं. ये खतरनाक वायरस अब तक 16 हजार से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है. वायरस की चपेट में आकर 5 मरीजों ने अपनी जान भी गंवाई है. देश की बात करें तो यहां भी मंकीपॉक्स के पांच मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में मंकीपॉक्स को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है. लोगों के मन में ये सवाल घर कर रहा है कि क्या मंकीपॉक्स के बड़े स्तर पर फैलने का खतरा है? मंकीपॉक्स का टेस्ट कैसे होता है? इस वायरस से किन लोगों को ज्यादा खतरा है? आइये आपको बताते हैं मंकीपॉक्स से जुड़े हर सवालों का जवाब.
भारत में भी बढ़ा मंकीपॉक्स का खतरा
बता दें कि दिल्ली में रविवार को मिले मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीज को लोक नायक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उसे आइसोलेशन में रखा गया है और अब उसे फीवर नहीं आ रहा है. मरीज के परिवार के सभी सदस्य घर में आइसोलेट हैं. देश में मंकीपॉक्स के कुल 4 कंफर्म केस सामने आ चुके हैं. केरल में तीन और दिल्ली में एक मामला सामने आ चुका है. तेलंगाना में भी एक संदिग्ध केस सामने आया है. इनमें से चारों मरीज 40 वर्ष से कम के हैं और चारों पुरुष हैं. चार में से तीन अफ्रीकी देशों की यात्रा करके आए हैं.
किसे है खतरा
डॉक्टरों का मानना है कि भारत में ऐसे लोगों को मंकीपॉक्स का खतरा कम है, जो कभी स्मॉलपॉक्स या चेचक की चपेट में आ चुके हैं. चिकनपॉक्स या स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन ले चुके लोगों को भी इस बीमारी का कम खतरा है. भारत में 1975-80 के दौर के बाद से स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन लगनी बंद हो गई थी. इसलिए ऐसे लोग जिनका जन्म 1980 के बाद हुआ है, उन्हें ज्यादा खतरा माना जा रहा है.
मंकीपॉक्स के लक्षण
-बुखार
-सिरदर्द
-5 दिन बाद चेहरे हाथ पैर मुंह के अंदर पानी वाले दाने आ जाते हैं
कैसे होता मंकीपॉक्स का टेस्ट?
इस बीमारी की जांच पीसीआर तकनीक से ही की जाती है. सैंपल लेने के लिए त्वचा पर निकले दानों से नमूना लिया जाता है. इसके अलावा मरीज का ब्लड सैंपल लिया जाता है. दोनों टेस्ट से मंकीपॉक्स कंफर्म होता है. मंकीपॉक्स आमतौर पर 21 दिन में खुद ठीक हो जाता है.
दवा और वैक्सीन
मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे के बीच अमेरिका में इसकी एक दवा सामने आई है. CDC यानी अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने tecovirimat दवा को आजमाने की सिफारिश की है. लेकिन ये दवा अभी भारत में उपलब्ध नहीं है. अमेरिका में स्मॉलपॉक्स के लिए लगाई जाने वाली वैक्सीन भी मंकीपॉक्स के मरीजों को दी जा रही है. ये दवा शुरुआती बीमारी में थोड़ा राहत दे सकती है. हालांकि 7 दिन बीतने पर इसका ज्यादा फायदा होते नहीं देखा गया. यूरोप की मेडिसिन अथॉरिटी एजेंसी EMA ने Imvanex दवा को मंकीपॉक्स के इलाज के लिए यूज करने की सिफारिश की है. ये दवा स्मॉलपॉक्स के इलाज के लिए बनी है.
लोक नायक अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर ने क्या कहा?
लोक नायक अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुरेश कुमार ने बताया कि दिल्ली के 31 साल के मरीज को अभी कोई दवा नहीं दी जा रही. उसे सिर्फ आइसोलेट कर दिया गया जिससे कि संक्रमण फैले नहीं. उन्होंने कहा कि इस बीमारी के कुछ मामले जरूर आएंगे लेकिन बडे़ स्तर पर नहीं फैलेगी. किसी को भी बुखार के साथ त्वचा पर लाल दाने या पानी वाले दाने हों तो सरकारी अस्पताल पहुंचे. भारत में फिलहाल टेस्ट करने का काम सरकार के जरिए ही रहेगा.