गोठानों में 28 जुलाई को मनाया जाएगा आस्था, संस्कृति और परंपरा का त्यौहार हरेली

गोठानों में 28 जुलाई को मनाया जाएगा आस्था, संस्कृति और परंपरा का त्यौहार हरेली

हरेली पर पारंपरिक खेलों की रहेगी गूंज, व्यंजनों की खुशबू से महकेगा गोठान,

जांजगीर-चांपा। हरेली छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे प्रमुख त्यौहार है। यह पर्व राज्य की संस्कृति, ग्रामीण कृषि परिवेश, परंपरा और आस्था के साथ मनाया जाता है। हर साल की तरह ही इस साल भी हरेली तिहार के दिन जिले की गोठानों में पारंपरिक खेलों की गूंज रहेगी तो वहीं छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की खुशबू से गोठान महकेगा। जिले की सभी गोठानों में कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने हरेली त्यौहार को बेहतर तरीके से मनाने और राज्य सरकार की मंशानुरूप आयोजन करने कहा है। जिला स्तरीय हरेली पर्व जनपद पंचायत अकलतरा की तिलई गोठान में मनाया जाएगा। उन्होंने सभी गोठानों में विभागीय अधिकारियों, नोडल अधिकारियों को उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं।

जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. फरिहा आलम ने बताया कि गोठान में हरेली पर्व सुव्यवस्थित तरीके से मनाने, ग्रामीणों, किसानों, पशुपालकों को जानकारी देने के लिए उपसंचालक कृषि, उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं, सहायक संचालक उद्यान, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को आवश्यक तैयारियां करने कहा गया है। जिपं सीईओ ने बताया कि कृषि प्रधान जिला जांजगीर-चांपा में हरेली त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। हरेली के दिन गोठानों में गेड़ी-दौड़, कुर्सी दौड़, फुगड़ी, रस्सा-कस्सी, भौंरा, नारियल के अलावा छत्तीसगढ़ी व्यंजन आदि की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा छत्तीसगढ़ी व्यंजन जैसे ठेठरी, खुरमी, चीला, गुलगुल भजिया, बरा आदि की खुशबू से महकेंगे। तो वहीं गोबर खरीदी के साथ ही अकलतरा विकासखण्ड की तिलई गोठान एवं नवागढ़ विकासखण्ड की खोखरा गोठान में गौमूत्र की खरीदी की जाएगी। जिपं सीईओ ने कहा कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गुरूआ, घुरवा एवं बाड़ी का जिले में संरक्षण एवं संवर्धन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 28 जुलाई को हरेली पर्व के दौरान गोठान प्रबंधन समिति, स्व सहायता समूह, ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों से गोठान की गतिविधियों के संबंध में चर्चा की जाएगी। गोठान में कृषकों को जैविक खाद के संबंध एवं स्व सहायता समूहों के लिए मल्टीएक्टिविटी की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा छायादार, फलदार पौधरोपण किया जाएगा।

गोठान में पशुओं को भेजने की अपील
फसलों को मवेशियों से चरने से बचाने के लिए गोठानों में ही मवेशियों को भेजने की अपील जिपं सीईओ ने की है। उन्होंने कहा कि स्वप्रेरणा से गोठान में अपने मवेशियों को भेजिए, ताकि किसी तरह की कोई फसलों को दिक्कत न आए। उन्होंने कहा कि गोठानों में पशुओं की देखभाल एवं उनके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। इसके अलावा गोठान में पशुओं के लिए पानी, चारा की व्यवस्था रहेगी, जिससे कि उन्हें खाने-पीने की कोई कमी नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से पशुपालकों से नियमित रूप से गोबर भी खरीदा जा रहा है। जिसके पशुपालकों, कृषकों, ग्रामीणों को फायदा मिल रहा है।


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