गरीब बच्चों की सुध लेने पहली बार कोई एसपी पहुंचा बड़े स्कूल, इस जिले में कलेक्टर, एसपी समेत 117 बनाए गए हैं मेंटर…

गरीब बच्चों की सुध लेने पहली बार कोई एसपी पहुंचा बड़े स्कूल, इस जिले में कलेक्टर, एसपी समेत 117 बनाए गए हैं मेंटर…

बिलासपुर :  राज्य शासन निः शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में आरक्षित सीटों पर कमजोर एवं दुर्बल वर्ग के अलाभित समूह के बच्चों को निःशुल्क प्रवेश दिया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा इन बच्चों की शिक्षा से संबंधित उनके पालकों को सहायता प्रदान करने तथा पालक, स्कूल प्रबंधन एवं प्रशासन के मध्य समन्वय कर शिक्षा की निरन्तरता हेतु मेंटर नियुक्त करने का आदेश दिया गया है। निर्देशों के परिपालन में कलेक्टर अवनीश शरण, पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह सहित जिले के 117 आला अधिकारियों को मेंटर नियुक्त किया गया है। पुलिस अधीक्षक सिंह को डी.पी.एस. तिफरा स्कूल का मेंटर नियुक्त किया गया है।

बता दें, छत्तीसगढ़ में आरटीई का बेहद बुरा हाल है। पिछले तीन साल से 50 फीसदी बच्चे प्रायवेट स्कूलों में दाखिला लेने के बाद स्कूल छोड़ दे रहे हैं। आरोप है कि प्रायवेट स्कूलों में इन गरीब बच्चों को प्रताड़ित किया जाता है। यूनिफार्म, किताबों के लिए अलग से पैसे मांगे जाते हैं। इसको देखते स्कूल शिक्षा विभाग ने कलेक्टरों से इसकी जांच कराई थी। इसमें चौंकाने वाली रिपोर्ट आई थी। इसको देखते स्कूल शिक्षा विभाग ने जिलों में कलेक्टर, एसपी समेत अन्य अधिकारियों को गरीब बच्चों का मेंटर बनाने का आदेश जारी किया था। बिलासपुर जिला प्रशासन ने 117 अधिकारियों को मेंटर बनाने का आदेश जारी किया। मगर बाकी जिलों का नहीं पता कि वहां मेंटर नियुक्त हुए या नहीं।

बहरहाल, बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह आज निरीक्षण के इस क्रम में डी.पी.एस., तिफरा स्कूल पहुंचे। इस दौरान प्राचार्य डी.पी.एस. जसपाल सिंह मथ एवं शिक्षक उपस्थित थे। स्कूल में बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के परिपालन में अलाभित समूह के बच्चों से मिलकर पुलिस अधीक्षक द्वारा उनका कुशल-क्षेम पूछा गया एवं बच्चों को पढ़-लिख कर समाज एवं परिवार का नाम रौशन करने प्रेरित किया गया। बच्चों को सामाजिक बुराई नशे आदि से दूर रहने, मोबाइल, सोशल मीडिया प्लेटफार्म में अपना समय बरामद न करने की समझाईश देते हुये स्कूल में अनुशासन का पालन करते हुये पूरा ध्यान पढ़ाई में लगाकर ज्ञानार्जन कर एक बेहतर नागरिक बनने की प्रेरणा दी गई। पुलिस अधीक्षक द्वारा डी.पी.एस. विद्यालय प्रबंधन से भी चर्चा की गई तथा इन विद्यार्थियों के संबंध में किसी भी समस्या को सीधे संज्ञान में लाने तथा उसका निदान तत्काल करने निर्देशित किया गया। इन बच्चों से समानता का व्यवहार करने व स्कूल के शिक्षा सहित अन्य शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल कर उत्साहवर्धन करने के भी निर्देश दिये गये ।


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