कांकेर लोकसभा चुनाव में दोबारा मतगणना, कांग्रेस उम्मीदवार बीरेश ठाकुर की याचिका चुनाव आयोग ने की मंजूर

कांकेर लोकसभा चुनाव में दोबारा मतगणना, कांग्रेस उम्मीदवार बीरेश ठाकुर की याचिका चुनाव आयोग ने की मंजूर

 

कांकेर :  छत्तीसगढ़ की कांकेर लोकसभा सीट पर चुनाव में दोबारा मतगणना का मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया है कांकेर से कांग्रेस के प्रत्याशी बीरेश ठाकुर की याचिका को चुनाव आयोग ने स्वीकार कर लिया है उन्होंने कांकेर लोकसभा सीट के चार मतगणना केंद्रों में दोबारा मतगणना कराने की मांग की थी इस मांग को चुनाव आयोग ने स्वीकार कर लिया है।दोबारा होगी मतगणनाः कांकेर लोकसभा सीट के बालोद, गुंडरदेही, सिहावा के चार मतदान केंद्रों के इवीएम की दोबारा मतगणना होगी कांकेर से कांग्रेस के प्रत्याशी बीरेश ठाकुर ने चुनाव आयोग में शिकायत की थी उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत जांच के लिए आयोग को लेटर दिया था जिसके बाद चुनाव आयोग ने उनके पत्र और याचिका को मंजूर कर लिया और कांकेर लोकसभा के तीन विधानसभा क्षेत्रों बालोद, गुंडरदेही और सिहावा के कुल चार मतदान केंद्रों में दोबारा मतगणना कराने की मंजूरी दी है इन इलाकों में दोबारा मतगणना होगी।

“सुप्रीम कोर्ट ने एक जून को आदेश आया था कि अगर आपको किसी ईवीएम मशीन में शक है तो आप पुनः जांच करा सकते है उसके बाद मैंने 10 जून को आवेदन किया था जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. अब चुनाव आयोग ने भी इसे स्वीकार किया है. अभी तारीख का ऐलान नहीं हुआ है कि कब दोबरा इवीएम के वोटों की गणना होगी”: बीरेश ठाकुर, कांग्रेस प्रत्याशी, कांकेर लोकसभा सीट।

पूरे मामले को समझिएः कांकेर की तीन विधानसभा क्षेत्रों के चार बूथ पर ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत कांग्रेस प्रत्याशी ने शिकायक की थी हालांकि यहां मतगणना के दौरान रीकाउंटिंग भी कराई गई थी इसके बाद भी कांग्रेस प्रत्याशी बिरेश ठाकुर भाजपा के भोजराज नाग से 1884 वोटों से हार गए थे इसके बाद उन्होंने इलेक्शन कमीशन को पत्र लिखकर जांच की मांग की इनमें ईवीएम की मेमोरी और माइक्रो कंट्रोलर की जांच की मांग की गई शिकायत के बाद अब चुनाव आयोग ने जांच का आदेश दिया है कांकेर लोकसभा के 3 विधानसभा क्षेत्रों संजारी बालोद, गुंडरदेही और सिहावा के 4 बूथों पर जांच के आदेश दिए हैं इनमें संजारी बालोद के 2 और बाकी के 1-1 बूथ पर ईवीएम की जांच होगी यहां दोबारा मतगणना होगी ईवीएम की जांच का छत्तीसगढ़ में यह पहला मामला है।


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