सावन सोमवार व्रत की पूजन सामग्री, विधि, कथा और जरूरी नियम, जिनके बिना अधूरी है पूजा

सावन सोमवार व्रत की पूजन सामग्री, विधि, कथा और जरूरी नियम, जिनके बिना अधूरी है पूजा

इस साल सावन महीने की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है. यह अद्भुत संयोग है कि सावन की शुरुआत सोमवार से ही हो रही है. साथ ही 19 अगस्‍त को सावन महीने का समापन भी सोमवार के दिन ही हो रहा है. इस कारण इस साल 5 सावन सोमवार पड़ेंगे. शिव जी की कृपा पाने के लिए सावन सोमवार व्रत को अति उत्‍तम माना गया है. सावन सोमवार व्रत का पूरा फल मिले इसके लिए जरूरी है कि व्रत-पूजा नियमानुसार की जाए. सावन सोमवार व्रत की कथा पढ़ी जाए.

सावन सोमवार व्रत 2024 लिस्ट

पहला सावन सोमवार- 22 जुलाई 2024-
दूसरा सावन सोमवार- 29 जुलाई 2024
तीसरा सावन सोमवार- 05 अगस्त 2024
चौथा सावन सोमवार- 12 अगस्त 2024
पांचवां सावन सोमवार- 19 अगस्त 2024

सावन सोमवार पूजा सामग्री 

भगवान शिव-पार्वती जी की प्रतिमा या तस्‍वीर, फूल, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, पंच रस, इत्र, गंध रोली, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, आम्र मंजरी, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शुद्ध देशी घी, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, शहद, गंगाजल, पवित्र जल, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार सामग्री और दक्षिणा, .

सावन सोमवार व्रत विधि 

सावन सोमवार व्रत में अन्‍न ग्रहण नहीं किया जाता है केवल फलाहार पर ही यह व्रत रखा जाता है. सावन सोमवार व्रत करने के लिए सुबह जल्‍दी उठकर शिवलिंग का जलाभिषेक करें. फिर बेलपत्र, दूध, गंगाजल, शहद, घी, अक्षत आदि अर्पित करें. शिव जी के बीज मंत्र ‘ओम् नमः शिवाय’ का जाप करें. सफेद चंदन से तिलक करें. पूरे शिव परिवार की विधि विधान पूजा करें. घी का दीपक जलाएं. फिर पूरे दिन बिना अन्न के उपवास रखें. शाम को सावन सोमवार व्रत की कथा सुनें, आरती करें और फिर फलाहार करें. अगले दिन सुबह स्‍नान करके शिवजी की पूजा करें, फिर व्रत का पारण करें. इस व्रत में नमक का सेवन भी नहीं करना चाहिए.

सावन सोमवार व्रत कथा 

स्कन्द पुराण अनुसार एक बार सनत कुमार ने भगवान शिव से पूछा कि हे प्रभु! आपको सभी महीनों में सावन ही सबसे ज्यादा प्रिय क्यों हैं. तब भगवान शिव जी ने बताया ‘मुझसे विवाह करने के लिए देवी सती ने कठोर तपस्या की और यहां तक कि उन्हें अपने पिता के भी विरुद्ध जाना पड़ा. मुझसे विवाह के बाद जब देवी सती ने अपने पिता के घर पर मेरा अपमान होते हुए देखा तो उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए. इसके बाद सती का जन्म पर्वत राज हिमालय की पुत्री के रूप में हुआ और उनका नाम देवी पार्वती रखा गया. इस जन्म में भी उन्होंने मुझसे विवाह करने के लिए पूरे श्रावण माह में निराहार रहकर कठोर तपस्या की. जिसके फलस्वरूप मैंने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया.’

यही वजह है कि सावन महीने के सोमवार व्रत करने से मनचाहा वर मिलता है. शीघ्र विवाह के योग बनते हैं. दांपत्‍य जीवन खुशहाल रहता है. साथ ही महादेव प्रसन्‍न होकर सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

सावन सोमवार व्रत में क्या खा सकते हैं: सावन सोमवार व्रत में नमक नहीं खाना चाहिए. बेहतर होगा कि पूरा दिन फल पर ही रहें. लेकिन ऐसा संभव ना हो शाम को पूजा के बाद खीर, पूरी, चावल खा सकते हैं. इसके अलावा साबूदाना, आलू, शकरकंड का भी सेवन कर सकते हैं.


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