कौन है चिराग पासवान? जिन्हें केंद्र में मिली बड़ी जिम्मेदारी

कौन है चिराग पासवान? जिन्हें केंद्र में मिली बड़ी जिम्मेदारी

रविवार को देश में नई सरकार की गठन हो गया। नरेंद्र मोदी ने आज 9 जून रविवार को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। पीएम मोदी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई। पीएम के साथ ही कई नवनियुक्त मंत्रियों को भी राष्ट्रपति ने शपथ दिलाई है, इसमें एक नाम चिराग पासवान का है। चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। साथ ही चिराग पीएम मोदी के करीबी भी माने जाते हैं। चिराग पासवान को मोदी का हनुमान भी कहा जाता है।

2019 से 2024 तक जमुई से सांसद रहे

पीएम मोदी चिराग पासवान के बीच अटूट लगाव है। चिराग पीएम मोदी को पिता तुल्य मानते हैं तो वहीं पीएम भी चिराग को बच्चे की तरह मानते हैं। 42 वर्षीय चिराग पहले एक्टिंग की दुनिया में अपनी कैरियर बनाने निकले थे। जिसके बाद चिराग ने राजनीति में इंट्री ले ली। चिराग 2019 से 2024 तक जमुई से सांसद रहे, वहीं 2024 में उन्होंने अपने पिता के संसदीय क्षेत्र हाजीपुर से सांसद बने हैं।

कंगना रनौत के साथ हिंदी फिल्म मिले ना मिले हम (2011) में अभिनय किया

चिराग पासवान तीसरे सेमेस्टर के कॉलेज (कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री) में ड्रॉपआउट हैं। कॉलेज से बाहर होने के बाद, उन्होंने कंगना रनौत के साथ हिंदी फिल्म मिले ना मिले हम (2011) में अभिनय किया। इसके बाद, पासवान ने 2014 के चुनावों में लोक जनशक्ति पार्टी के लिए जमुई की सीट से चुनाव लड़ा। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के निकटतम प्रतिद्वंद्वी सुधांशु शेखर भास्कर को 85,000 से अधिक मतों से हराकर सीट जीती।

इसके बाद पासवान ने 2019 के चुनावों में अपनी सीट बरकरार रखी, कुल 528,771 वोट हासिल किए और निकटतम प्रतिद्वंद्वी भूदेव चौधरी को हराया। पासवान चिराग का रोज़गार नाम से एक एनजीओ के भी मालिक हैं , जो अपने राज्य के बेरोज़गार युवाओं को रोज़गार मुहैया कराने के लिए एक फाउंडेशन है। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 से पहले, चिराग पासवान ने बिहार के युवाओं का ध्यान आकर्षित करने के लिए बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट अभियान शुरू किया। बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट अभियान का उद्देश्य बिहार राज्य का पूर्ण विकास करना है।


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