उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण का आयोजन किया गया

उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण का आयोजन किया गया

जैजैपुर  : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुशंसा स्वरुप केन्द्र प्रवर्तित योजना ’’उल्लास‘‘ नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण सक्ती के मार्गदर्शन में विकासखण्ड साक्षरता मिशन समिति जैजैपुर के तत्वाधान में ग्राम प्रभारी, सहायक ग्राम प्रभारी एवं स्वयंसेवी शिक्षकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण आज दिनांक 20.09.2024 कार्यालय जनपद पंचायत जैजैपुर के सभा कक्ष में आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में जिला से प्रशिक्षण प्राप्त 04 कुशल प्रशिक्षकों के द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम का नारा है ’’जन-जन साक्षर‘‘ ग्राम प्रभारियों एवं स्वयंसेवी शिक्षकों को श्री रामकुमार साहू, (सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी) विकासखण्ड परियोजना अधिकारी द्वारा उल्लास को संबोधित करते हुए साक्षरता के महत्व का जानकारी दिया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से 15 वर्ष से अधिक आयु समूह के असाक्षरों को शिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। ग्राम प्रभारियों के दायित्वों का उल्लेख करते हुए उन्हे साक्षरता केन्द्र संचालन कराने हेतु प्रेरित किया गया। साक्षरता केन्द्र का संचालन स्वयंसेवी शिक्षकों के द्वारा किया जाना है। जिसमें वातावरण निर्माण अतिआवश्यक है। साक्षरता केन्द्र हेतु स्थान चिन्हांकित करने एवं साथ ही नारा इत्यादि लिखने हेतु प्रेरित किया गया। साथ ग्राम प्रभारी समय-समय पर साक्षरता केन्द्र का अवलोकन करते रहें जहां पेयजल, बिजली, बैठक व्यवस्था की जानकारी प्राप्त करते रहें।

इसी क्रम में कुशल प्रशिक्षक श्री रहेमतुल्ला खान द्वारा प्रशिक्षण उपस्थित ग्राम प्रभारियों एवं स्वयंसेवी शिक्षकों को संबोधित करते हुए साक्षरता केन्द्र का चिन्हांकन एवं वातावरण निर्माण की जानकारी प्रदान की गई। स्वयंसेवी शिक्षकों से ही साक्षरता केन्द्र के सुझाव प्राप्त किए गये। संबंधित ग्राम के शिक्षकों से साक्षरता से होने वाले लाभ का चर्चा किया गया। उनके द्वारा प्रशिक्षितों को बताया गया कि साक्षरता का अर्थ केवल प्रमाण पत्र या केवल लिखना आना ही नहीं है। आज के युग में पढ़ना, लिखना एवं गणितीय कौशल का विकास सभी उम्र के व्यक्तियों को होना चाहिए चाहे वह महिला हो या पुरुष सीखने की कोई उम्र सीमा नहीं होती।

द्वितीय कुशल प्रशिक्षक श्री दिलीप देवांगन ने गणितीय कौशल का प्रशिक्षण स्वयंसेवी शिक्षकों को प्रदान किया। उनके द्वारा बताया गया कि यदि कोई मजदूर दिन भर मेहनत कर मजदूरी प्राप्त करने के समय अपने मेहनताना का हिसाब नहीं लगा पा रहा है इसी कमी को दूर करने हेतु इस उल्लास कार्यक्रम के माध्यम से उनको गणितीय कौशल की जानकारी प्रदान करने हेतु यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। अधिक उम्र के व्यक्तियों को साक्षर बनाना सरल नहीं है यह कठिन कार्य स्वयंसेवी शिक्षकों के दृढ़संकल्प से पूर्ण किया जा सकता है। उनके द्वारा प्रशिक्षण में बताया गया कि उम्रदराज अशिक्षित व्यक्तियों के पास शिक्षा की कोई डिग्री तो नहीं होती लेकिन अनुभव अधिक होता है। उनके अनुभवों को आदर पूर्वक समझकर उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ना स्वयंसेवी शिक्षकों का मुख्य लक्ष्य होगा।

जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान जांजगीर से प्रशिक्षित श्रीमति रंजिता राज कुशल प्रशिक्षक के द्वारा सभी प्रभारियो एवं स्वयंसेवी शिक्षकों को महिला साक्षरता एवं नारी उत्थान के बारे में प्रशिक्षण प्रदान किया गया। आज हमारे देश और समाज में महिलाओं को पुरुष के समान अधिकार प्रदान किया जा रहा है। लेकिन महिला का शिक्षित होना उतना ही आवश्यक है जितना कि पुरुष का यदि महिला शिक्षित होगी तो अपने पूरे परिवार को शिक्षित बना सकती है। साक्षरता का महत्व समझाते हुए उन्होंने कहा कि यह एक दीपक की तरह है जो पूरे परिवार को रोशन कर सकती है।

चतुर्थ कुशल प्रशिक्षक के रुप में सुश्री वैष्णवी साहू ने स्वयंसेवी शिक्षकों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें आत्मविश्वास के साथ उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम को सुचारु रुप से संचालन करने हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया। वर्तमान समय में डिजीटल साक्षरता के विशेष महत्व को समझाते हुए कहा कि आज सभी घरों में मोबाईल फोन उपलब्ध हैं उसी को माध्यम बनाकर अपने आसपास के असाक्षर लोगों को साक्षर किया जा सकता है।

उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम 15 वर्ष से अधिक उम्र के असाक्षर लोगों को साक्षर करने हेतु चलाया जा रहा है। जैजैपुर के शिक्षकों द्वारा घर-घर जाकर आॅफलाईन सर्वे किया गया एवं उल्लास मोबाईल एप में आॅनलाईन एंट्री कर असाक्षरों को स्वयंसेवी शिक्षकों के साथ मैचिंग-बैचिंग कर टैग किया गया है। जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा इस वर्ष विकासखण्ड जैजैपुर के लिए 2500 असाक्षरों का लक्ष्य प्रदान किया गया था। जिसे पूर्ण कर लिया गया है। इन असाक्षरों को साक्षरता केन्द्र में 200 घण्टों की पढ़ाई कराकर माह सितम्बर एवं मार्च में आयोजित होने वाली देशव्यापी बुनियादी महापरीक्षा में सम्मिलित करना होगा। महापरीक्षा में सम्मिलित परीक्षार्थी को साक्षर बनाकर इस कार्यक्रम को सफल बनाना ही इस योजना का उद्देश्य है।


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