रायबरेली में राहुल गांधी के खिलाफ पोस्टर, जानिए क्या है मामला?
शहरा भर में लगाए गए पोस्टर्स से आम जनता के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। कई जगहों पर लोगों को चर्चा करते सुना गया। हालांकि कई स्थानों पर पोस्टर फाड़ने की बात भी बताई जा रही है। इसके अलावा इस पूरे मामले में कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों ने निंदा करते हुए भाजपाइयों की साजिश बताया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि मुख्य मुद्दों को भटकाने की कोशिश की जा रही है। उनका कहना है भाजपा हमेशा से मुद्दे से हटकर बात करती है।
कांग्रेसकर्ताओं की ओर से ये भी कहा गया है कि भाजपा हमेशा झूठी कहानी सुनाती है। वहीं आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी भाजपा को बुरी तरह घेरा था। उन्होंने कहा था कि भाजपा की कहानी में कोई सच्चाई नहीं होती। ये पार्टी सिर्फ कहानी सुनाने का काम करती है।
आपको बता दें कि मां सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रहे रायबरेली से पहली बार राहुल गांधी सांसद बने हैं। यहां की जनता ने उन्हें बड़े लाड के साथ जीत दिलाई थी। इससे गांधी परिवार ही नहीं बल्कि कांग्रेसी नेता भी उत्साहित थे। उनके यहां से चुनाव लड़ने के बाद भी पोस्टर वार शुरू हो गया था। चुनाव होने के बाद वायनाड के पत्थर लगाने की बात भी सामने आई थी। जिसमें वायनाड की रायबरेली से दूरी दर्शाते हुए पत्थर लगाए गए थे। पत्थर लगने के बाद भी काफी दिनों तक चर्चाएं होती रही, लेकिन उसी के कुछ दिनों बाद आए परिणाम ने सबको चौंका दिया था।
इसके बाद अब एक बार फिर संसद में हुई गतिविधियों के बाद चर्चाएं शुरू हो गई हैं। शनिवार को चुरुवा बार्डर से लेकर शहर तक कई स्थानों पर पोस्टर लगाए गए। इसमें राहुल गांधी से कई सवाल पूछ गए हैं। चर्चा यह भी है कि सांसद राहुल गांधी को उनके संसदीय क्षेत्र में घेरकर जनता के सामने जवाब देने के लिए मजबूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।