हाई प्रोफाइल केस में उलझी पुलिस,कांग्रेस विधायक के नाती के खिलाफ दर्ज होगी FIR…
Chhattisgarh.Co 28 जुलाई 2022 जशपुर : कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष पवन अग्रवाल और पत्थलगांव विधायक रामपुकार सिंह के नाती सूरज सिंह के बीच हुई मारपीट के मामले में पवन अग्रवाल पिता पुत्र के खिलाफ एफआईआईआर दर्ज होने के बाद हाईकोर्ट ने सूरज सिंह के खिलाफ भी एफाईएआर दर्ज करने पुलिस को निर्देश दिए हैं.
पवन अग्रवाल के बेटे डॉ. विकास अग्रवाल की ओर से आईजी और जिले के एसपी के नाम से दिए गए एक आवेदन के साथ हाईकोर्ट के निर्देश की कॉपी संलग्न करते हुए लिखा है कि उनके द्वारा भी अस्पताल में कार्य करने के दौरान सूरज सिंह ने उनके साथ हुई मारपीट की.
लिखित शिकायत पत्थलगांव थाने में दर्ज कराई थी, लेकिन शिकायत पर सूरज सिंह के खिलाफ पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. हाईकोर्ट में उनके द्वारा लगाए गए याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने डॉ. विकास अग्रवाल के आवेदन पर सूरज सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि विगत माह पत्थलगांव के सिविल अस्पताल में पदस्थ डॉ विकास गर्ग और सूरज सिंह के बीच अस्पताल के भीतर ही विवाद हो गया था. विवाद इतना बढ़ गया कि मारपीट की नौबत आ गई. मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद सूरज सिंह ने कांग्रेस नेता पवन अग्रवाल, इनके बेटे डॉ विकास अग्रवाल और एक अन्य बेटे के खिलाफ पत्थलगांव थाने में मारपीट के वीडियो के साथ मारपीट की शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत के बाद पुलिस ने इन तीनों के खिलाफ मारपीट करने सहित ST-SC एक्ट तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया था.
इस बीच डॉ विकास गर्ग ने भी सूरज सिंह के द्वारा ड्यूटी पीरियड में उनके साथ मारपीट करने की शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन इनके शिकायतों पर सुनवाई नहीं हुई. लिहाजा डॉ विकास ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए डॉ विकास के आवेदन पर सूरज सिंह के विरुद्ध भी एफआईआई दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.
हाईकोर्ट के इन्ही निर्देशों की कॉपी संलग्न करते हुए डॉ विकस ने एसपी और सरगुजा आईजी को आवेदन देकर उनके आवेदन पर कार्रवाई की मांग की है. इस मामले में जिले की पुलिस आगे की क्या कार्रवाई करती है ? डॉ विकास के आवेदन पर हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए सूरज सिंह के विरुद्ध अपराध दर्ज होगा या नहीं? ऐसे कई सवाल हैं, लेकिन इस मामले में पुलिस की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं आया है.
मामला पोलटिकली हाई प्रोफाइल होने के कारण पुलिस भी पूरे मामले में फूंक फूंक कर कदम रख रख रही है. एक तरफ प्रदेश के कद्दावर मंत्री टीएस सिंहदेव के कट्टर समर्थक पवन अग्रवाल तो दूसरी ओर प्रदेश के वरिष्ठ विधायक व कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त रामपुकार सिंह के आमने सामने होने के चलते पुलिस के सामने धर्म संकट की स्थिति निर्मित हो गई है.