छत्तीसगढ़ में तोता पालने पर एक्शन वाला आदेश वापस; फिलहाल कार्रवाई पर रोक

छत्तीसगढ़ में तोता पालने पर एक्शन वाला आदेश वापस; फिलहाल कार्रवाई पर रोक

रायपुर :  छत्तीसगढ़ में तोता या दूसरे पक्षी पालने पर कार्रवाई के आदेश थे। इस आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। गुरुवार को प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय से इसे लेकर नया आदेश जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि फिलहाल तोते और दूसरे पक्षियों के पालने वालों पर कार्रवाई न करें।

छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि घरों में पाले गए तोते और अन्य पक्षी के संबंध में राज्य सरकार की ओर से पूर्व में जारी निर्देश को वन विभाग ने फिलहाल स्थगित कर दिया है। इस संबंध में वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली से तकनीकी मार्गदर्शन लिया जाएगा। जिनके घरों में तोते हैं, उन्हें इसकी लिखित सूचना नजदीकी वन विभाग के कार्यालय में देनी होगी।

23 अगस्त को जारी हुआ था कार्रवाई का आदेश

प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख कार्यालय से 23 अगस्त को कार्रवाई के आदेश जारी हुए थे। रायपुर जिला सहित प्रदेश में कानूनन संरक्षण पाए तोते और अन्य पक्षियों की धड़ल्ले से बिक्री के संबंध में कार्रवाई के निर्देश जारी किए थे।

अब इसी आदेश में संशोधन करते हुए अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (संरक्षण) छत्तीसगढ़ अटल नगर, रायपुर ने सभी मुख्य वन संरक्षक और वनमण्डालधिकारी को पत्र भेजा है।

बिलासपुर से मामला चर्चा में आया

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर DFO ने लोगों को 7 दिन का अल्टीमेटम दिया था। वहां सभी पक्षियों को पिंजरे से निकालकर कानन पेंडारी जू प्रबंधन को सौंपने कहा गया। इसके लिए टोल फ्री (18002337000) नंबर भी जारी किया गया था।

तोते या अन्य पक्षी को लेकर नियम

वन विभाग के अफसरों के अनुसार तोता या अन्य पक्षी, जो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथासंशोधित मई-2022 की अनुसूची में शामिल है, उनकी खरीदी, बिक्री और पालन करना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है।​​​​​​​

क्यों जारी हुआ था आदेश

बिलासपुर वन विभाग SDO अभिनव कुमार के मुताबिक तोते को पिंजरे में कैद करने से जैव विविधता पर बुरा असर पड़ रहा है। अब इनके शिकार और तस्करी करने वालों पर नजर रखी जाएगी। पक्षियों की बिक्री, खरीदी और पालन पर रोक लगाए जाने पर विचार किया जा रहा है।


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