सुशासन के एक साल… ‘हमने बनाया है,हम ही संवारेंगे’ के नारे को हकीकत में बदल रही है छत्तीसगढ़ की cm साय की सरकार

सुशासन के एक साल… ‘हमने बनाया है,हम ही संवारेंगे’ के नारे को हकीकत में बदल रही है छत्तीसगढ़ की cm साय की सरकार

रायपुर :   13 दिसंबर 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद विष्णुदेव साय ने अपनी सरकार का एक सूत्र वाक्य निर्धारित किया कि ‘हमने बनाया है,हम ही संवारेंगे’ और इसी सूत्र वाक्य के साथ साय सरकार ने कामकाज की शुरुआत की.. छत्तीसगढ़ का निर्माण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 1 नवंबर 2000 को किया था,उस समय संसाधनों से भरपूर होने के बाद भी छत्तीसगढ़ राज्य की स्थिति अत्यंत पिछड़ी स्थिति में थी..नये राज्य के सामने नव निर्माण की चुनौतियां थी..राज्य बनने के बाद यहां पर अब तक भाजपा की सरकार ने 16 साल काम किया है,जबकि कांग्रेस की सरकार ने 8 साल काम किया है..डॉ रमन सिंह के 15 वर्षों के कार्यकाल के बाद एक बार फिर जनता ने भाजपा सरकार पर भरोसा जताया है और विष्णुदेव साय को पार्टी ने राज्य के विकास की कमान सौंपी है..सीएम विष्णुदेव साय ने शपथ लेते ही छत्तीसगढ़ राज्य के तीव्र विकास के लिये काम करना शुरू किया और एक साल बाद चारों ओर विकास और सुशासन की बयार दिख रही है..आइये जानते हैं कि किस प्रकार विष्णुदेव साय की सरकार ने ‘हमने बनाया है,हम ही संवारेंगे ‘ के नारे के साथ राज्य के सभी वर्गों के उत्थान के लिये प्रयास किया है.

चूंकि छत्तीसगढ़ किसानों का प्रदेश है और यहां मुख्य रूप से धान की खेती होती है,इसलिये सरकार ने सबसे ज्यादा ध्यान किसानों की आमदनी बढ़ाने पर दिया है..धान के कटोरे के मेहनतकश किसानों की खुशहाली के लिये विष्णुदेव साय की सरकार ने कई अहम फैसले लिए,जिसके परिणामस्वरुप आज किसानों के जीवन में उल्लेखनीय परिवर्तन दिखाई दे रहा है… प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी को पूरा करने की दिशा में सबसे पहले सरकार ने राज्य के धान उत्पादक किसानों के दो साल के बकाया बोनस का भुगतान करना सुनिश्चित किया… सीएम विष्णुदेव साय ने 13 दिसंबर को शपथ लेने के बाद 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस सुशासन दिवस के अवसर पर मोदी की गारंटी पूरी करते हुए 12 लाख से ज्यादा किसानों के खाते में दो साल के बकाया धान के बोनस के रुप में 3716 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की थी..दो साल के बकाया बोनस की राशि किसानों के लिये महत्वपूर्ण सौगात साबित हुई..इस राशि से किसानों की न सिर्फ क्रयशक्ति बढ़ी,बल्कि उनका साय सरकार पर विश्वास दोगुना हो गया..

इसके बाद सीएम साय ने 12 मार्च को मोदी की गारंटी के अनुरूप कृषि उन्नति योजना के तहत किसानों को समर्थन मूल्य और 3100 रुपए प्रति क्विंटल की अंतर की राशि प्रदान करने का निर्णय लिया..खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में सरकार ने किसानों ने 21 क्विंटल प्रति एकड़ और 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 24.72 लाख किसानों से 144.92 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी की.. इस साल भी साय सरकार ने किसानों से 160 मिलियन मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखते हुए धान की खरीदी कर रही है..सरकार ने इस बार धान बेचने वाले किसानों को सहकारी समिति में ही 10000 रुपये नगद तक का भुगतान करने की व्यवस्था की है,जिससे छोटे किसानों को रबी फसल के लिए त्वरित रूप से पैसे की किल्लत का सामना न करना पड़े.. छत्तीसगढ़ सरकार के वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में कृषि को प्राथमिकता में रखते हुए कृषि विभाग के बजट में 33 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है और कई नवाचारी प्रवधान किए गए हैं.. कृषि को किसानों के लिए फायदेमंद बनाने के लिए फसलों की अच्छी उत्पादकता के साथ ही कृषि व्यवसाय में प्रबंधन,हार्वेस्ट प्रबंधन और प्रसंस्करण तकनीकी का भी खासा महत्व है..इन तमाम नवाचारों के लिये साय सरकार ने बजट में कई प्रावधान किये हैं.. मुख्यमंत्री साय द्वारा दी गई सौगात से किसान फूले नहीं समा रहे हैं और वे बारंबार सीएम साय के प्रति आभार जता रहे हैं.. साय सरकार के किसान हितैषी नीतियों के असर है कि छत्तीसगढ़ के सभी इलाके के किसान अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं,जिससे उनका परिवार तेजी से विकास पथ पर अग्रसर हो रहा है…

किसानों के साथ ही साय सरकार ने मातृशक्ति के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण का बीड़ा उठाया है… प्रदेश मे महिलाओ के आर्थिक स्वावलंबन, उनके स्वास्थ्य और पोषण स्तर मे सतत सुधार, परिवार मे उनकी निर्णायक भूमिका सुदृढ़ करने, समाज मे  महिलाओं के प्रति भेदभाव, असमानता एवं जागरूकता की कमी को दूर करने, आर्थिक स्वावलंबन एवं सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विष्णुदेव  साय सरकार ने महतारी वंदन योजना लागू की है… सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में “महतारी वंदन योजना” लागू किए जाने का निर्णय आज देशव्यापी प्रसिद्धि पा रहा है.. इस योजना के अंतर्गत 21 वर्ष से अधिक उम्र  की 70 लाख से ज्यादा विवाहित महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है.. राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना ने अब तक प्रदेश की ना जाने कितनी महिलाओं का जीवन बदल डाला है.. मार्च 2024 से दिसम्बर 2024 तक, 70 लाख महिलाओं के खाते में 6530.41 करोड़ रुपये की राशि पहुंचाई जा चुकी है.. यह योजना अब सिर्फ एक राज्य की योजना नहीं, बल्कि एक आंदोलन बन चुकी है, जहां महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं, बल्कि अपने घर-परिवार में भी निर्णय लेने में बराबरी का हक महसूस कर रही हैं..

किसानों और महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ ही सीएम विष्णुदेव साय सबके सिर पर छत देने का काम भी पूरी शिद्दत से कर रहे हैं..सरकार गठन के अगले ही दिन कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के अनुरूप 18,12,743 जरूरतमंद परिवारों को प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति दी..वर्तमान समय में सरकार छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ₹1,20,000 गरीबों के बैंक अकाउंट में भेज रही है, वहीं छत्तीसगढ़ के पहाड़ी इलाकों में मौजूद गांव के गरीबों को ₹1,30,000 घर बनाने के लिए दिए जा रहे हैं.. प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत घरों के निर्माण के लिए पहली किस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  रायपुर  के इनडोर स्टेडियम में आयोजित ‘मोर आवास मोर अधिकार’ कार्यक्रम में भुवनेश्वर से वर्चुअली शामिल होकर जारी किया था जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ के 5.11 लाख लाभार्थियों के खाते में सीधे 2,044 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की..विष्णुदेव साय की सरकार बनने के बाद से राज्य में हर महीने करीब 25,000 नए मकान बनाए जा रहे हैं पिछले एक साल में अब तक करीब 2.18 लाख मकान बनाए जा चुके हैं. इसके अलावा प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत भी 24,000 मकान बनाए जा रहे हैं..

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने वनोपज संग्रहण करने वाले लाखों गरीब परिवारों के हितों को ध्यान में रखते हुए तेंदूपत्ता संग्रहण दर में अभूतपूर्व बढ़ोतरी की है..तेंदूपत्ता वनांचल में रहने वाले लोगों के जीवन यापन का एक मुख्य जरिया है.. चूंकि प्रदेश के मुखिया आदिवासी समाज से आते हैं, इसलिये उन्होंने तेंदूपत्ता संग्राहकों की समस्याओं को बहुत करीब से देखा और समझा है,इसलिये मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने मोदी की गारंटी के अनुरूप तेंदूपत्ता संग्राहकों की सुविधाओं में बढ़ोतरी की.. विष्णुदेव साय सरकार ने  कैबिनेट की बैठक में मोदी की गारंटी को पूरा करते हुए तेंदूपत्ता संग्राहकों को संग्रहण पारिश्रमिक 4,000 रुपये प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5,500 रुपये

प्रति मानक बोरा करने का निर्णय लिया.. इसके लिए राज्य सरकार 300 करोड़ रुपये की अतिरिक्त भार वहन कर रही है.. राज्य सरकार के इस कदम से लगभग 12.50 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को सीधा लाभ मिल रहा है..तेंदूपत्ता संग्राहकों को इससे लगभग 240 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय हुई है.. तेंदूपत्ता की खरीदी पर 4,500 रुपये तक का बोनस मिल रहा है..

विष्णुदेव साय की सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों में वामपंथी उग्रवाद को रोकने के लिए सुरक्षा और विकास को मूल मंत्र बनाया है, इसके सार्थक परिणाम दिख रहे हैं.. इन इलाकों में रहने वाले लोगों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ-साथ उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं भी दी जा रही है..बीते एक साल में मुठभेड़ों में 200 से ज्यादा माओवादियों को ढेर किया गया..34 फॉरवर्ड सुरक्षा कैम्पों की स्थापना की गई.. निकट भविष्य में दक्षिण बस्तर एवं माड़ में रि-डिप्लायमेंट द्वारा 30 नए कैम्पों की स्थापना की जाएगी.. नियद नेल्लानार योजना विष्णुदेव साय सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है,जिसमें सुरक्षा कैंपों के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ शत प्रतिशत हितग्राहियों तक पहुंचाने की मुहिम चलायी जा रही है..माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में नियद नेल्लानार योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है,जिसके तहत अब तक 100 किलोमीटर लंबे 27 सड़क, 2 पुल और 52 पुलियों का निर्माण  किया गया है..इस योजना के सुचारू क्रियान्वयन से  इसका असर अब अंदरूनी गांवों में भी देखने को मिल रहा है…स्थानीय हाट बाजार अब गुलजार होने लगे हैं.. बंद पड़े हाट बाजार और स्कूल अब फिर से शुरू हो रहे हैं, जिससे बस्तर अंचल की तस्वीर बदल रही है..सालों से बम धमाकों के बीच दहशत में जीवन गुजारने वाले आदिवासियों के जीवन का पुराना दौर लौटने लगा है और इन इलाकों में सालों बाद मांदर की थाप फिर गूंजने लगी है..

‘हमने बनाया है हम ही संवारेंगे’ के नारे के साथ छत्तीसगढ़ की सत्ता में आई विष्णुदेव साय की सरकार ने राज्य को संवारने की दिशा में कई कदम उठाये हैं..डबल इंजन की सरकार में छत्तीसगढ़ के कृषि,उद्योग और सेवा क्षेत्र का तीव्र गति से विकास किया जा रहा है..छत्तीसगढ़ महतारी को संवारने में जुटी विष्णुदेव सरकार ने हाल ही में नई उद्योग नीति बनाई है,जिसका लाभ सीधा आम जनता को मिलने वाला है..मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 14 नवंबर 2024 को छत्तीसगढ़ राज्य की नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 को लांच किया..इस मौके पर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमने इस नई नीति को रोजगार परक और विजन-2047 के अनुरूप विकसित भारत के निर्माण की परिकल्पना को ध्यान में रखते हुए विकसित छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण का लक्ष्य तय किया है..राज्य की नई औद्योगिक विकास नीति को उद्योगपतियों,व्यापारियों,वित्तीय क्षेत्र से जुडे लोगों ने जमकर सराहा है और सभी का मानना है कि विष्णुदेव सरकार की नई औद्योगिक विकास नीति छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य की श्रेणी में लाने के लिये मील का पत्थर साबित होगा…

उपरोक्त कार्यों के अलावा विष्णुदेव साय की सरकार में नई दिल्ली के ट्रायबल यूथ हॉस्टल में सीटों की संख्या 50 से बढ़ाकर अब 185 कर दी गई..विभिन्न शासकीय भर्तियों में युवाओं को निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में  05 वर्ष की छूट का निर्णय लिया गया..पीएससी घोटाले की सीबीआई जाँच की घोषणा कर राज्य सरकार ने राज्य के युवाओँ को भरोसा दिलाया है कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को बख्शा नहीं जायेगा.. विष्णुदेव साय की सरकार ने जनसमस्याओं के त्वरित समाधान के लिए सुशासन एवं अनुसरण विभाग का गठन कर सुशासन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है..पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मदिन पर मनाये जाने वाले सुशासन दिवस पर अटल मॉनिटरिंग पोर्टल का शुभारंभ किया गया है..

राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास पर जोर देते हुप उद्योग विभाग के सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 का शुभारंभ कर दिया है..इसी प्रकार सरकार और जनता के बीच दूरी कम करने के लिये मुख्यमंत्री का जनदर्शन कार्यक्रम एक बार फिर शुरु कर दिया गया है,जिसके तहत सीएम विष्णुदेव साय आम जनता से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनते हैं और समस्याओं का त्वरित निराकरण करते हैं..राज्य सरकार द्वारा 40 लाख परिवारों को जल जीवन मिशन योजना से जोड़कर नल कनेक्शन दिया जा रहा है..गरीब कल्याण की दिशा में राज्य सरकार  दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना शुरू करने जा रही है..इसी तरह  युवाओं के लिए उद्यम क्रांति योजना शुरु की जा रही है..आधारभूत संरचनाओं के विस्तार के लिये राज्य सरकार सतत प्रयत्नशील है..इसके तहत  बहुत सी  रेल परियोजनाओं का डीपीआर तैयार कराया जा रहा है..बिलासपुर और जगदलपुर से हवाई उड़ान शुरु कर दिया गया है..इसी प्रकार जशपुर,बलरामपुर,अंबिकापुर और जगदलपुर हवाई अड्डों में  सुविधाओं का विस्तार  किया जा रहा है.. राज्य सरकार ने 68 लाख गरीब परिवारों को 05 साल तक मुफ्त राशन देने का निर्णय लिया है,जो जनकल्याण की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है…भगवान  राम के ननिहाल वालों को अयोध्या दर्शन कराने के लिये सरकार ने श्री रामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना की शुरुआत की है,जिसके तहत राज्य के लोगों को अयोध्या धाम की तीर्थयात्रा कराई जा रही है..छत्तीसगढ़ के 5 शक्तिपीठों के विकास के लिए 1000 किलोमीटर की नई परियोजना शुरू की गई है..राजिम में आयोजित होने वाले पुन्नी मेले को एक बार फिर से राजिम कुंभ कल्प के रूप में विकसित किया जा रहा है…आदिवासी क्षेत्रों के सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित रखने के लिये विष्णुदेव की सरकार ने बस्तर के ऐतिहासिक मेलों को संरक्षित करने का काम शुरू किया है..

साय सरकार ने नया रायपुर को आईटी हब बनाने की दिशा में जोर शोर से काम शुरू किया है..राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के साथ ही शहीद वीर नारायण सिंह स्वास्थ्य योजना शुरू की गई है..मेडिकल कॉलेज अस्पताल रायपुर और छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस बिलासपुर (सिम्स) में भवन के विस्तार और सुविधाओं के विकास का काम शुरू कर सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का काम किया है.. शिक्षा के लोकव्यापीकरण की दिशा में सरकार ने अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं.. प्रदेश में  राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 को पूर्ण रूप से लागू कर दिया गया है..इसके तहत कक्षा 5वीं तक बच्चों को स्थानीय बोली में शिक्षा का प्रावधान किया गया है..प्री-प्राइमरी से 12वीं तक सबको शिक्षा की व्यवस्था की गई है..10+2 के स्थान पर 5+3+3+4 शैक्षणिक संरचना लागू की गई है..इसी प्रकार प्रदेश के 211 स्कूलों में पीएम श्री योजना लागू कर शिक्षा की गुणवत्ता पर काम किया जा रहा है.. राज्य के जशपुर, बस्तर,कबीरधाम, रायपुर और रायगढ़ में प्रौद्योगिकी संस्थानों का निर्माण किया जा रहा है..इसके अलावा सरकार छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा मिशन की स्थापना करने जा रही है.. राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) के विकास के लिए योजना बनाने के साथ साथ इन्वेस्ट छत्तीसगढ़ आयोजित करने की दिशा में भी सरकार कार्य कर रही है..कटघोरा-डोंगरगढ़ रेललाईन निर्माण के लिये राज्य सरकार ने 300 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट तय किया है..

इसी प्रकार कोरबा-बिलासपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के  निर्माण की योजना पर भी सरकार काम कर रही है..देश और दुनिया में चल रहे बेस्ट प्रैक्टिस को राज्य में लागू करने की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है..भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाते हुए राज्य सरकार ने खनिज परिवहन के लिए ऑनलाइन ई-ट्रांजिट पास जारी करने का निर्णय लिया है..इसी प्रकार पंजीयन के समय भूमि-मकान आदि का ऑनलाइन पेमेंट सुविधा शुरू की गई है..भूमि संबंधी विवादों को दूर करने के लिए जिओ रेफ्रेंसिंग तकनीक  को  मंजूरी दी गई है.. बस्तर, सरगुजा, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण और  छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरणों का पुनर्गठन कर इनमें जिम्मेदार लोगों की नियुक्तियां कर दी गई है और इन प्राधिकरणों के माध्यम से सुदूरवर्ती इलाकों के विकास की दिशा में काम शुरु हो गया है.. हर संभाग में एक-एक गौ अभयारण्य की स्थापना के लिये भी सरकार युद्ध स्तर पर प्रयास कर रही है…

इसी प्रकार 4527 करोड़ रुपए की लागत से राज्य के 18 जिलों में 71 मल्टी-विलेज योजनाओं का काम प्रारंभ कर दिया गया है..आदिवासी अंचलों में स्थानीय बोलियों में प्रारंभिक शिक्षा का निर्णय लिया गया है,जिसके तहत 18 स्थानीय बोलियों में  किताबें तैयार की जा रही हैं..आदिवासी बच्चों को रोबोटिक्स और एआई की शिक्षा देने का निर्णय लिया गया है..स्कूली बच्चों के लिए न्योता भोज कार्यक्रम का आयोजन कर सरकार बच्चों को स्कूल आने के लिये प्रेरित कर रही है..  वन अधिकार अधिनियम के तहत छत्तीसगढ़ में वन अधिकार पत्रधारकों के वारिसानों के नाम सुरक्षित किये गये हैं..5 करोड़ रूपए के प्रावधान के साथ  छत्तीसगढ़ राज्य राजधानी क्षेत्र और  संबंधित प्राधिकरण की स्थापना की जा रही है.. जेम पोर्टल के माध्यम से शासकीय खरीदी की प्रक्रिया शुरू की गई है,जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लग रहा है..

किसानों के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित ई-नाम पोर्टल (राष्ट्रीय कृषि बाजार)लांच किया गया है..नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि के आबंटन, अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन और भूमि स्वामी को हक प्रदान करने की प्रकिया को आसान बनाया गया है..पंचायत सचिवों के शासकीयकरण के लिए कमेटी गठित कर दी गई है..मितानिनों को अब हर माह प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय भी लिया गया है..भारतीय  निर्यात सुविधा केंद्र और  प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये हैं,साथ ही आईटी का व्यापक पैमाने पर इस्तेमाल शुरू किया गया है.. ई-ऑफिस प्रणाली, मुख्यमंत्री कार्यालय ऑनलाइन पोर्टल और स्वागतम पोर्टल का शुभारंभ आईटी के विस्तार की दिशा में अहम कड़ी है…. युवाओं के लिये राज्य सरकार ने 85 करोड़ 42 लाख रुपए की लागत से प्रदेश के 4 नगरीय निकायों में 500 सीटर और 9 नगरीय निकायों में 200 सीटर लाइब्रेरी का निर्माण कराने का निर्णय लिया है..इसी तरह 484 करोड़ 22 लाख रूपए की स्वीकृति से 160 आईटीआई का मॉडल आईटीआई के रूप में उन्नयन किया गया है..

गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व अधिसूचित करने का निर्णय, इज ऑफ डूइंग बिजनेस कक्ष का निर्माण, काष्ठ के नीलामी में  ई-ऑक्शन की हुई शुरुआत, ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को राज्य खेल अलंकरण समारोह में दिया जाएगा तीन करोड़ रुपए, रजत पदक जीतने वाले को दो करोड़ रुपए और कांस्य पदक जीतने वाले को एक करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि देने की घोषणा,गरीब  विद्यार्थियों के लिए बनाई गई  मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना, उत्कल समाज की बहुलता वाले जिलों में ऋषि पंचमी नवाखाई के दिन अवकाश की घोषणा, रायगढ़ में संगीत महाविद्यालय खोलने की घोषणा.पिछले एक साल में इतनी सुविधाओं और योजनाओं को पाकर राज्य की जनता राज्य के मुखिया विष्णुदेव साय को दिल से धन्यवाद दे रही है और उम्मीद जता रही है कि आने वाले सालों में विष्णुदेव के सुशासन से  छत्तीसगढ़ चहुमुँखी तरक्की करेगा..


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