एक चम्मच अजवाइन शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड को करता है कंट्रोल, जानें कब और कैसे करें इस्तेमाल
अजवाइन हर किचन में आसानी से मिल जाती हैं। यह सिर्फ व्यंजन में ही स्वाद और सुगंध को बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि आपकी सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाती है। आमतौर पर अजवाइन का स्वाद तीखा और कड़वा होता है, लेकिन इसका सेवन करने से आप कई तरह की खतरनाक बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं। आजकल बुजुर्ग हों या फिर युवा ज्यादातर जिस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं उसमें एक बीमारी यूरिक एसिड भी है। अजवाइन से आप इस समस्या से भी राहत पा सकते हैं। इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है जो बढ़े हुए यूरिक एसिड को नियंत्रित करने का काम करता है। चलिए जानते हैं कैसे अजवाइन की मदद से यूरिक एसिड को कंट्रोल किया जा सकता है-
यूरिक एसिड में फायदेमंद है अजवाइन
अजवाइन में प्रोटीन, फैट, फाइबर और मिनरल जैसे कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन और निकोटिनिक एसिड के अलावा इसमें भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट , एंटी इंफ्लेमेंट्री गुण पाए जाते हैं जो यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। अजवाइन में ल्यूटियोलिन, 3-एन-ब्यूटिलफथैलाइड और बीटा-सेलिनीन नामक उल्लेखनीय यौगिक रक्त में यूरिक एसिड के स्तर और सूजन पैदा करने वाले नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को कम करते हैं जो गाउट के हमले को बढ़ाता है।
यूरिक एसिड मरीज अजवाइन का ऐसे करें इस्तेमाल
यूरिक एसिड से पीड़ित व्यक्ति रोजाना एक गिलास खाली पेट अजवाइन का पानी पिएं। बस आप सोने से पहले एक गिलास में एक चम्मच अजवाइन डालकर रातभर उसे रख दें। सुबह इस पानी को छानकर पी लें। इसके अलावा आप चाहें तो अजवाइन के साथ अदरक को मिलाकर भी खा सकते हैं। ये दोनों ही नुस्खे कारगर हैं।
अजवाइन का सेवन करने के अन्य फायदे
अगर आप एसिडिटी और कब्ज की समस्या से जूझ रहे हैं तो अजवाइन आपको फायदा करेगी। इसमें एंटीस्पास्मोडिक और कर्मिनेटिव गुण होते हैं जो इन दोनों समस्याओं में राहत पहुंचाने का काम करते हैं। अगर आप जोड़ों के दर्द से जूझ रहे हैं तो उसमें भी अजवाइन कारगर है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी तत्व होते हैं जो अर्थराइटिस से जुड़ी समस्या से भी आराम दिलाने में सहायता करते हैं। जवायन में एंटी बैक्टीरिया के तत्व मौजूद होते हैं। यही एंटी बैक्टीरिया तत्व शरीर को सर्दी जुकाम जैसे वायरल इन्फेक्शन से बचाने में सहायता करते हैं।