सावन के आखिरी सोमवार बूढ़ेश्वर बाबा का रौद्र रूप में होगा श्रृंगार, दर्शन के लिए उमड़े शिव भक्त
रायपुर: सोमवार से सावन का महीना समाप्त हो रहा है, और इस अंतिम सोमवार पर रायपुर के प्रमुख शिवालयों में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। खास बात यह है कि सावन की शुरुआत भी सोमवार से हुई थी, और इसका समापन भी सोमवार को हो रहा है, जिससे यह एक दुर्लभ संयोग बन गया है। रक्षाबंधन और सावन का सोमवार एक ही दिन पड़ने से यह दिन भक्तों के लिए और भी विशेष बन गया।
इधर, रायपुर के प्राचीनत्तम शिव मंदिर बूढ़ेश्वर मंदिर में बूढ़ेश्वर बाबा का श्रृंगार इस बार ‘रौद्र रूप’ में होगा। पिछले चार सोमवार को अलग-अलग स्वरूपों में उनका श्रृंगार दर्शन भक्तों को हुआ। जिस प्रकार उज्जैन महाकाल में 12 वर्षो में एक बार रौद्र रूप में महाकाल का श्रृंगार होता है उसी स्वरूप में यहां भी होगा। दुर्लभ संयोग वाली आज की तिथि है जो सालों बाद आती है इसलिए इस दिन विशेष का महत्व भी अधिक है।
मंदिर ट्रस्ट कमेटी के चंद्रप्रकाश व्यास ने बताया कि जैसे कि पुराणों व शास्त्रों में मान्यता है भगवान शिव स्वयं अलग-अलग रूपों में दिखते हैं कहीं सौम्य तो कहीं रूद्र। रू का अर्थ होता है चिंता और द्र का अर्थ होता है दूर करना। जो आपकी सारी समस्याओं और चिंताओं का नाश कर दे उस प्रभु का दिव्य दर्शन रौद्र रूप में देखने को मिलता है।
आज आखिरी सावन सोमवार है और अद्भूत श्रृंगार के साथ बूढ़ेश्वर बाबा के आसपास की सजावट देखने योग्य रहेगी। काली मिट्टी से भगवान का यह गुस्सैल स्वरूप श्रृंगारित किया जाएगा। शाम चार बजे के बाद ही भक्तजन भगवान के इस श्रृंगार का दर्शन कर सकेंगे।