कथावाचक कथा कृष्णा तिवारी ने श्री राम कृष्ण जन्म की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु, पूरा पंडाल राम कृष्ण जयकारों से गूंजा
सक्ती : नवधा चौक में देवांगन परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में कथा वाचक कृष्णा तिवारी के द्वारा व्यास पीठ से श्री राम व कृष्ण जन्म की कथा सुनाई। पाठक ने कहा कि कलयुग में भागवत की कथा सुनने से जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही जन्म जन्मांतर के पापों का अंत भी होता है। श्रीराम जन्म श्रीराम विवाह रावण वध का कथा श्रवण कराते हुए कहा कथा में भक्तों को श्री कृष्ण जन्म की कथा सुनाई। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की कथा में भक्तों को भागवत कथा श्रवण कराते हुए कहा कि श्रीकृष्ण का जन्म हुआ तो अपने आप जेल के ताले खुल गए और वासुदेव की बेड़ियां खुल गईं। वासुदेव जी ने भगवान श्रीकृष्ण इस संसार के पालनहार हैं। एक टोकरी में लेकर यमुना नदी को पार कर यशोदा मां और नंदलाल जी के पास छोड़ आते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने दुष्टों का नाश करने के लिए ही धरती पर जन्म लिया था। इस धरती को अधर्म से मुक्ति दिलाई।
सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी आठवें संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला देवकी वासुदेव स्वयं ही समझ पाते भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। कथावाचक कृष्णा तिवारी ने कहा जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं।”श्रीकृष्ण जन्म उत्सव पर नन्द के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की भजन से श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर झूम उठे एक-दूसरे को श्रीकृष्ण जन्म की बधाईयां दी गई, एक-दूसरे को खिलौने और मिठाईयां बाटी गई। कथा महोत्सव में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भजन प्रदुम कर भगवान श्री कृष्ण के जन्म की खुशियां मनाई।
कथा में” कथावाचक कृष्णा तिवारी ने कथा श्रवण कराते हुए कृष्ण जी रात में जन्म क्यों लिए का कथा श्रवण में बताया भगवान विष्णु ने देवताओं को दिए वचन को पूरा करने के लिए श्रीकृष्ण ने आधी रात को लिया था जन्म श्रीकृष्ण जन्म कथा: में बताया भागवत पुराण के अनुसार विष्णु अवतार में उन्होंने चंद्रदेव को वचन दिया था कि वे उनके प्रकाश में आधी रात को ही जन्म लेंगे। श्रीकृष्ण चंद्रवंशी हैं इसलिए चंद्रदेव को उनका पूर्वज माना जाता है। कृष्ण जी ने कंस का वध करने के लिए द्वापर युग में जन्म लिया था। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। कथा श्रवण करने के लिए सैकड़ो की संख्या में महिला पुरुष भागवत कथा श्रवण करने पहुंच रहे हैं