भिलाई में निगरानी बदमाश अमित जोश का एनकाउंटर, 35 से ज्यादा केस थे दर्ज
भिलाई : भिलाई क्राइम ब्रांच की टीम ने निगरानी बदमाश अमित जोश को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। ACCU की टीम पकड़ने गई थी, तभी आरोपी ने फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में 3 गोलियां लगने से अमित जोश मारा गया है। मामला भिलाई नगर थाना क्षेत्र का है।
अमित जोश भिलाई के ग्लोब चौक में हुए गोलीकांड का मुख्य आरोपी है। 10 हजार का इनाम भी था। वह 4 महीने से फरार था। पुलिस को उसके भिलाई आने की खबर मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी की घेराबंदी की। आरोपी पर 35 से ज्यादा केस दर्ज हैं।
3 लोगों पर की थी फायरिंग, 2 हुए थे घायल
SP जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि अमित जोश कुख्यात बदमाश था। किसी पर भी चाकू, छूरी और गन से हमला कर देता था। जुलाई 2024 में रात करीब डेढ़ बजे 3 लोगों को गोली मारी थी। हमले में 2 लोग घायल थे। वारदात के बाद आरोपी फरार था।
SP ने बताया कि पुलिस आरोपी पर लगातार नजर बनाकर रखी थी। इसी बीच पता चला कि आरोपी पिछले 3 दिनों से भिलाई में है। आरोपी को पकड़ने के लिए अलग-अलग टीम बनाई गई। आरोपी के ठिकाने पर छापेमारी की गई। लॉज से लेकर हर जगहों पर तलाशी की गई।
आरोपी ने भागते हुए पुलिस पर की थी फायरिंग
इस दौरान पुलिस और आरोपी की जयंती स्टेडियम के पास आमना सामना हो गया। आरोपी ने पुलिस की एक टीम पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली आरोपी के पैर में लगी। इस दौरान आरोपी भागते हुए भी पुलिस पर फायरिंग कर रहा था। जवाबी फायरिंग में 3 गोलियां लगी हैं, जिससे उसकी मौत हो गई।
आरोपी के खिलाफ अलग-अलग थाने में 35 केस
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सेक्टर-6 निवासी अमित जोश निगरानी बदमाश है। उसके खिलाफ दुर्ग-भिलाई के अलग-अलग थानों में मारपीट और गंभीर अपराधों में करीब 35 केस दर्ज हैं। इसमें 25 भिलाई नगर थाने में FIR,4 सुपेला, 1 दुर्ग कोतवाली, नेवई थाना, कुर्सीपार 1, पदमनाभपुर में 2 FIR हैं।
इस दौरान बदमाश अमित जोश ने पुलिस जवानों को देखते ही उन पर फायरिंग कर दी। इस दौरान पुलिस ने उसे फायरिंग नहीं करने की चेतावनी दी, लेकिन वह लगातार गोलियां बरसता रहा, जिसके बाद पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की।
क्या है गोलीकांड की पूरी कहानी ?
25 जून को आरोपी अमित जोश की एनिवर्सरी थी। देर रात 1-2 बजे के बीच पार्टी करने के बाद जोश और उसका एक साथी बाइक से घूमने निकले थे। जैसे ही ग्लोब चौक के आगे पहुंचे उन्हें बाइक पर तीन लड़के दिखे। सभी लोग शराब के नशे में थे।
इसी दौरान गाली-गलौज करने को लेकर विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि, अमित जोश ने तीनों लड़कों पर तीन राउंड फायरिंग कर दी। इस हमले में सुनील यादव और आदित्य सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए।
कैसे हुई यह वारदात
विश्रामपुर निवासी रमनदीप सिंह अपने दोस्त सुनील यादव और आदित्य सिंह से मिलने भिलाई आया था। सुनील यादव टेकीकॉम कंपनी का कर्मचारी है। आदित्य सिंह उड़ान अकादमी में पीएससी की तैयारी कर रहा है। रमनदीप के आने की खुशी में तीनों ने पार्टी की, फिर आधी रात को ग्लोब चौक से बाइक से घूमने निकले थे, इसी दौरान घटना हुई है।
छत्तीगसढ़ में 12 साल बाद हुआ एनकाउंटर
छत्तीगसढ़ पुलिस ने करीब 12 साल बाद किसी अपराधी का एनकाउंटर किया है। इससे पहले 2012 में कोरबा पुलिस ने चुन्नू गर्ग का एनकाउंटर किया था। चुन्नू बिलासपुर का कुख्यात अपराधी था। एनकाउंटर कोरबा पुलिस के तत्कालीन एसपी सुंदरराज के नेतृत्व में हुआ था। छत्तीसगढ़ के इतिहास का पहला एनकाउंटर भी भिलाई में हुआ था। 2001 में अजातशत्रु बहादुर सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने कुख्यात अपराधी सुखबीर ऊर्फ सुखु को ढेर कर दिया था। अपहरण के बाद फिरौती की रकम लेकर भाग रहे इन आरोपियों में एमपी पुलिस का भगोड़ा सुभाष भी शामिल था। इसके बाद 2005 में भिलाई पुलिस ने तपन गिरोह के गोविंद विश्वकर्मा का एनकाउंटर किया था।