जाने क्यों बरसात में छत्तीसगढ़ के पर्यटकों का पहला पसंद होता है जतमई घटारानी वाटरफॉल
छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल जतमई घटारानी वाटरफॉल इन दिन अपने सौंदर्य से लोगों का मन मोह रहा है। बरसात लगने के साथ ही यहां के झरने बड़े ही खुबसूरत तरकीब से नजर आ रहा है जो दर्शकों के मन को रिझाने का कार्य कर रहा है।
बता दें कि बिते कुछ दिनों से गरियाबंद जिले में लगातार बारिश हो रही है जिससे कि यहां के तमाम छोटे-बड़े नदी नाल जलमग्न हो गए हैं इसी के चलते बरसात के शुरुआती दिनों में ही स्थलों में छत्तीसगढ़ के अलग-अलग क्षेत्रों के साथ साथ छत्तीसगढ़ से बाहर के सैलानी विहंगम दृश्यों का लाभ उठाते नज़र आते हैं।
दोनों ही पर्यटन स्थलों की एक विशेषता यह भी है कि वॉटरफॉल से लगे हुए दोनों ही देवियों का मुख्य मंदिर है जिनकी आध्यात्मिक शक्ति समय-समय पर लोगों को देखने और सुनने में मिलती है एक चमत्कार या विशेषता कहे तो यह है कि झरने में कितना ही पानी का वेग आ जाए मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार की क्षति अब तक नहीं हो पाई है और दूसरी बात यह है कि इतने प्रचंड वेग और गहरी वॉटरफॉल में अभी तक ऐसी कोई अप्रिय घटना देवी के आशीर्वाद से घटित नहीं हुई है जो हजारों के भीड़ प्रतिदिन आने के बाद भी माता की शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
बात करें झरनों की तो बरसाती झरना तो बरसात के साथ 4 से 6 महीने में खत्म हो जाता है लेकिन मां जतमई और घटारानी के गर्भ ग्रह पर साल के 12 महीने पानी की कुछ बंदे हैं सतत रूप से देवी के मस्तक पर टपकती रहती हैं जो की देवी गंगा का रूप मानी जाती है जो मां जतमई और घटारानी के मस्तक का अभिषेक प्रतिपल करते रहते हैं यह आस्था विश्वास गर्मी के दिनों में भी तनिक भी विचलित नहीं होता चट्टानों के बीच से भी जल की बूंदे देवी के मस्तक पर अभिषेक करता हुआ नजर आता है। नवरात्र के महीना में देवी भक्तों का ताता देखने को मिलता है जहां ज्योत जवारा का कार्यक्रम पारंपरिक रूप से प्रति वर्ष देखने को मिलता है
यहां तक पहुंचना बहुत ही सरल है राजधानी रायपुर से लगभग 85 किलोमीटर की दूरी पर यह मंदिर स्थित है जहां रहने के लिए की होटल व कैप बने हुए हैं जिसके चारों ओर हरे भरे जंगल व पहाड़ीयां हैं जहां प्राकृतिक का अनुपम दृश्य देखने को मिलता है
बारीश के बाद आये पहले रविवार में पर्यटकों से गुलजार रहा जतमई घटारानी वाटरफॉल
इस बार बारिश की गति मानसून के शुरुआत में थोड़ी धीमा होने के कारण झरनों में पानी कुछ काम सा हो गया था लेकिन जुलाई के आखिरी सप्ताह में हो रहे बारिश से दोनों ही झरणो में जल प्रवाह बेहद ही अच्छे स्थिति में है यही कारण है की रविवार के दिन तमाम ऑफिस दफ्तर व स्कूल कॉलेज की छुट्टी होने की वजह से सैलानीयों हुजुम भारी बारिश के बीच उमर पाड़ा जिससे वॉटरफॉल के दृश्य और भी देखने लायक हो गया पर्यटन स्थलों में लोगों की मौजूदगी ही आकर्षण का केंद्र होता है जो इस रविवार सुबह से ही देखने को मिला।