नामांकन भरने कलेक्ट्रेट पहुंच गए कन्हैया अग्रवाल, भूपेश बघेल ने मनाया

रायपुर : रायपुर दक्षिण उपचुनाव में कांग्रेस का अंदरूनी विवाद शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में भी नजर आया। दावेदार कन्हैया अग्रवाल निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने कलेक्ट्रेट पहुंच गए। हालांकि पहुंचते ही उनके पास भूपेश बघेल समेत कई नेताओं के फोन आ गए और इसके बाद उन्होंने अपना नामांकन दाखिल नहीं किया।
दरअसल रायपुर दक्षिण विधानसभा से कन्हैया अग्रवाल प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, 2018 विधानसभा चुनाव में पार्टी ने इन्हें प्रत्याशी बनाया था। इस बार उन्हें टिकट न देकर कांग्रेस ने युवा नेता आकाश शर्मा को प्रत्याशी बनाया है।
नाराजगी के सवाल पर कहा कि, सुलह और नाराज जैसी कोई बात नहीं थी। मन विचलित था कुछ बातें प्रचारित की जा रही थी इसी वजह से मैं नामांकन दाखिल करने का निर्णय लिया था। जाने के बाद मुझे महसूस हुआ कि 37 साल हो गए मुझे कांग्रेस पार्टी में, आज हमारे प्रत्याशी की जो उम्र है उतने साल से तो मैं कांग्रेस पार्टी के लिए काम कर रहा हूं। मेरी वजह से मेरे छोटे भाई को नुकसान हो ये मैं नहीं चाहता था।
कन्हैया अग्रवाल ने कहा कि यह जानकारी फैलाई गई थी कि मेरे पास चुनाव लड़ने के पैसे नहीं है इसलिए मैं चुनाव नहीं लड़ रहा हूं। पार्टी जो पैसा देगी उसी से चुनाव लड़ सकता हूं, इसी बात पर मेरी आपत्ति थी इसलिए मैं नामांकन दाखिल करने गया था। किसी के बारे में ऐसा फैलाया जाता है कि उसके पास पैसे नहीं है तो उसके सामाजिक और व्यवसायिक चीजों पर भी असर पड़ता है।
कन्हैया ने कहा कि, पार्टी के सीनियर नेता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पार्टी के साथ ही अध्यक्ष दीपक बैज ने मुझे फोन किया। उन्होंने मुझसे कहा कि ऐसा कोई कदम ना उठाओ जिससे कोई नुकसान हो मैंने उन्हें सारी बातों का सम्मान किया, नामांकन दाखिल नहीं किया।
एक दिन पहले गुरुवार को जनसभा के दौरान ही नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत ने बड़े ही शायराना अंदाज में सुलह करवाई थी। उम्मीद थी कि इसके बाद नाराज नेता मान जाएंगे।