धनतेरस के दिन घर के मुख्य द्वार पर तोरण लगाने का सौभाग्य से है संबंध

धनतेरस के दिन घर के मुख्य द्वार पर तोरण लगाने का सौभाग्य से है संबंध

धनतेरस का त्योहार हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन कुबेर भगवान और माता लक्ष्मी की पूजा करने की परंपरा है। यह मान्यता है कि यदि इस दिन आप अपने घर की सजावट वास्तु के अनुसार करती हैं और वास्तु के नियमों का पालन करती हैं, तो समृद्धि बनी रहती है।

हिंदू धर्म में सभी तीज-त्योहारों के दौरान घर के मुख्य द्वार पर तोरण लगाने की परंपरा है। धनतेरस पर्व के दिन घर के मुख्य द्वार पर बंधनवार या तोरण लगाया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं, क्या है इससे जुड़ी मान्यताएं और विधि-

धनतेरस पर इस पत्ते से बनाएं जाते है तोरण

ज्योतिष -शास्त्र के अनुसार, हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले घर के मुख्य द्वार पर तोरण लगाया जाता है। यह तोरण अशोक एवं आम के पत्तों का होता है और इसे बहुत ही शुभ माना जाता है।

मान्यता है कि घर के मुख्य द्वार पर अशोक के पत्ते का तोरण लगाने से घर में मां लक्ष्मी का निवास होता है और सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं। इसके साथ कहा यह भी जाता है कि अशोक के पत्तों का बंधनवार लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और कई प्रकार के ग्रह दोष भी समाप्त हो जाते हैं। इससे वास्तु-दोष का भी निवारण होता है।

ज्योतिषयों का मानना हैं कि, धनतेरस के दिन सुबह अशोक के पत्ते का तोरण सबसे पहले लाकर धो लें और पूजा घर में पत्तों को रखकर उनकी पूजा करें। इसके बाद 14 अशोक के पत्ते की एक माला बनाएं।

इस बात का ध्यान रखें कि इनमें से कोई भी सूखा हुआ पत्ता ना हो। इसके बाद गायत्री मंत्र या अपने इष्ट देवता के मंत्र का जाप करते हुए घर के मुख्य द्वार पर बंधनवार को अच्छी तरह से बांध दें। इसके बाद पुनः एक बार पूजा करें।

धनतेरस के दिन अशोक के पत्ते का तोरण लगाने का महत्व

धनतेरस के दिन अशोक के पत्ते का तोरण लगाने से घर में धन संबंधित परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है और घर की आर्थिक स्थिति भी मजबूत रहती है। बता दें, धनतेरस को धन त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है, इसलिए इस दिन अशोक के पत्ते लगाने से धन वृद्धि होती है और व्यक्ति को सभी समस्याओं से निजात भी मिल सकता है।


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