मुर्दों को जिंदा कर हड़प रहे थे लाखों रुपये, SBI के चार कर्मचारी गिरफ्तार
कबीरधाम जिले की पुलिस ने एसबीआई बैंक ब्रांच के चार प्रबंधक अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक, इन अधिकारियों पर आरोप है कि उनकी ब्रांच में संचालित मृतक के खाते जो वर्षों से बंद पड़े थे उन्हें यह फर्जी तौर पर एक्टिवेट करा कर उन खातों से लाखों रुपए निकाले गए. यह खुलासा उस वक्त हुआ जब खातेदार के रिश्तेदार सालों बाद बैंक गए. तब उन्हें पता चला कि उनके परिजन के खातों की राशि निकाल ली गई है. उन्होंने इस संबंध में पुलिस में शिकायत की.
पुलिस के तहकीकात से पता चला कि जो बैंक खाता सालों से बंद पड़े रहते हैं उसकी राशि आरबीआई के पास चली जाती थी जिसे यह बैंक के अधिकारी चालाकी से उसे खाते को पुनः एक्टिव कर उसकी राशि आहरण कर लेते थे.
4 आरोपियों को अलग-अलग स्थान से गिरफ्तार
पुलिस ने ऐसे कृत से जुड़े एसबीआई बैंक के तत्कालीन चार अधिकारियों को अलग-अलग स्थान से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस इसे और भी पूछताछ कर रही है पुलिस की माने तो ऐसे कई खाते हैं जिनकी राशि इसी तरह से आहरित कर ली जाती है. वर्षों बीत जाने के कारण वास्तविक खातेदार भी इन खातों की पड़ताल नहीं करते. इसका लाभ बैंक के ही अधिकारी इसी तरह से उठाते हैं.
दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज
पुलिस ने बताया कि इस मामले में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिसमें डॉर्मेंट खातों से लाखों रुपए का मामला है. कुल चार कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है. घटना के वक्त सभी चारों आरोपी एसबीआई बैंक बोड़ला में पदस्थ थे. पीड़ित अशोक की शिकायत पर दर्ज केस में बैंक कर्मचारी प्रतीक उइके ने एक डॉर्मेंट खाते के CIF नंबर से छेड़छाड़ करते हुए मृतक दीपा अहिरवार के नाम से फर्जी आवेदन तैयार किया था. बैंक से राशि क्लेम कर ATM कार्ड जारी किया गया था. फिर उस एटीएम से 1 लाख 46 हजार रुपए निकाले गए. इसी तरह से अन्य महिला महिला मंगली बाई के डॉर्मेंट खाते से 82 हजार रुपए निकाले गए थे.