अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आए दिनों दुनिया भर में जो युद्ध हो रहे हैं, उसमें समझौता कराने का श्रेय लिया जा रहा है। भारत और पाकिस्तान बीच जब युद्ध शुरू हुआ और फिर दोनों देशों के बीच सीजफायर हुआ, उसे लेकर भी डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने यह समझौता कराया है, जबकि पीएम नरेंद्र मोदी और भारत सरकार द्वारा इसे सिरे से नकार दिया गया है। इस बीच डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से वही राग अलापा है। डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, हम युद्धों को सुलझाने में सफल रहे हैं। भारत और पाकिस्तान की लड़ाई जिस तरह से चल रही थी, उससे तो भारत और पाकिस्तान के बीच एक सप्ताह के भीतर ही परमाणु युद्ध छिड़ जाता।
भारत सरकार ने ट्रंप के दावे का किया खंडनबता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच जारी लड़ाई के दौरान भारत ने पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था। इसके बाद पाकिस्तान घुटनों के बल आ गया और पाकिस्तानी सेना के डीजीएमओ ने भारतीय सेना के डीजीएमओ से बात कर सीजफायर की पेशकश की। इसके तुरंत बाद डोनाल्ड ट्रंप ने ये कहना शुरू कर दिया कि उन्होंने दोनों देशों के बीच समझौता कराया है। हालांकि इसे लेकर भारत सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा साफ कर दिया गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका के कहने पर सीजफायर नहीं हुआ है, बल्कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ से बात कर सीजफायर की पेशकश की थी।
समझौता कराते-कराते युद्ध की बात करने लगे ट्रंपएक तरफ डोनाल्ड ट्रंप बार-बार दुनियाभर में हो रही जंगों के बीच सीजफायर और समझौतों का क्रेडिट लिया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ अमेरिका द्वारा यूक्रेन को हथियार भी भेजा जा रहा है। दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा कि उनका प्रशासन रूस के साथ कीव के संघर्ष के बीच यूक्रेन को पैट्रियट एयर डिफेंस मिसाइलें भेजेगा। हालांकि ट्रंप ने यह बताने से इनकार कर दिया कि वे यूक्रेन को कितनी एयर डिफेंस मिसाइलें भेजेंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि वे कुछ मिसाइलें भेजेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वाशिंगटन इन हथियारों का भुगतान नहीं करेगा। ट्रंप ने व्हाइट हाउस लौटते समय मैरीलैंड के ज्वाइंट बेस एंड्रयूज़ में कहा, “हम उनके लिए कुछ भी भुगतान नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम उन्हें पैट्रियट्स देंगे, जिनकी उन्हें सख्त जरूरत है।”