‘नई मुस्लिम लीग बन गई कांग्रेस’, BJP बोली- पूजा स्थल कानून के समर्थन में SC जाना हिंदुओं के खिलाफ खुली जंग

नई दिल्ली : भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस द्वारा पूजा स्थल (विशेष प्रविधान) अधिनियम के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट जाने का कदम हिंदुओं के खिलाफ खुली जंग की घोषणा है। साथ ही यह भी कहा कि कांग्रेस अब ”नई मुस्लिम लीग” बन चुकी है।
भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, ”कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के बहाने पूजा स्थल अधिनियम, 1991 को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया है।
हिंदुओं का संवैधानिक अधिकार छीनने की कोशिश
इसके जरिये वह ऐतिहासिक अन्यायों को सुधारने के लिए कानूनी उपायों का हिंदुओं का संवैधानिक अधिकार छीनने की कोशिश कर रही है। भाजपा ने इस अधिनियम का विरोध तब से किया है, जब 1991 में नरसिंह राव सरकार ने इसे राम मंदिर आंदोलन के बीच में पारित करने की कोशिश की थी। भाजपा की कड़ी आपत्ति के बावजूद यह पारित हो गया।
भाजपा ने अपने रुख को दोहराया
इसके तहत, 15 अगस्त 1947 को भारत की स्वतंत्रता के समय जो भी पूजा स्थल जैसा था, उसे वैसा ही रखने का प्रयास करता है। इस कानून के अंतर्गत, अयोध्या के विवादित स्थल को छोड़कर सभी पूजा स्थलों के स्वरूप को स्थिर रखने का प्रविधान था।
यह कानून संघ परिवार की काशी विश्वनाथ मंदिर और मथुरा की शाही ईदगाह पर दावा करने की कोशिशों को रोकने के लिए लाया गया था। लेकिन यह पहली बार है जब भाजपा ने इस कानून पर अपने रुख को फिर से दोहराया है।
सुप्रीम कोर्ट में सरकार का क्या रुख होगा?
ऐसे में सवाल यह उठता है कि केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में क्या रुख अपनाएगी। कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में इस कानून का समर्थन करते हुए कहा कि यह कानून भारत में धर्मनिरपेक्षता को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है और यह संविधान की एक मौलिक विशेषता है जिसे सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए लागू किया जाना चाहिए।
कांग्रेस ने वक्फ कानून लागू किया
भाजपा का कहना है कि कांग्रेस ने भारत के विभाजन के समय धार्मिक आधार पर सहमति दी थी। इसके बाद कांग्रेस ने वक्फ कानून लागू किया, जिससे मुसलमानों को अपनी इच्छा से संपत्तियों का दावा करने और देशभर में छोटे पाकिस्तान स्थापित करने की अनुमति मिली। इसके बाद कांग्रेस ने पूजा स्थल कानून पारित किया, जिसने हिंदुओं को उनके ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को पुन: प्राप्त करने का अधिकार छीन लिया।