भाजपा और कांग्रेस के बीच होड़… 75 किमी पदयात्रा निकालेगी कांग्रेस, 75 स्थानों पर तिरंगा फहराएगी बीजेपी…
आजादी के 75 साल पूरे होने पर देशभर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इसके लिए देशभर में कई तरह के आयोजन किए जा रहे हैं। भाजपा और केन्द्र सरकार के सभी विभाग अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से महोत्सव मना रही तो वहीं कांग्रेस ने भी देशभर के लिए कार्यक्रम तैयार किए हैं।
आजादी के 75 साल पूरे होने पर भाजपा जहां हर घर -तिरंगा घर-घर तिरंगा अभियान के माध्यम से हर घर तक तिरंगा पहुंचाने की जुगत में लगी है वहीं प्रदेश के अलग-अलग विधानसभाओं के 75 स्थानों पर एक साथ तिरंग फहराने की तैयारी कर रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में 75 किलोमीटर लंबी पदयात्रा निकालने जा रही है।
13 से 15 अगस्त तक हर घर में पहुंचेगी बीजेपी
केंद्र सरकार ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत देशभर में 25 करोड़ घरों में तिरंगा फहराने का लक्ष्य रखा है। इस अभियान की सफलता के लिए झंडा पहराने के नियम बदले दिए गए हैं। दरअसल स्वतंत्रता दिवस से पहले ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के लिए नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किये हैं।
बदलाव के बाद अब दिन या रात कभी भी तिरंगा फहराया जा सकेगा। साथ ही अब पॉलिएस्टर और मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज का भी उपयोग किया जा सकता है। ‘आजादी का अमृत महोत्वस’ के तहत सरकार ने 13 से 15 अगस्त तक ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम के तहत प्रत्येक घर में तिरंगा फहराने का टारगेट रखा है।
9 से 14 अगस्त तक क्रांति दिवस पर पदयात्रा
इसी तरह कांग्रेस देश भर में 9 अगस्त से 14 अगस्त तक क्रांति दिवस के अवसर पर हर विधानसभा में 75-75 किलोमीटर लंबी पदयात्रा निकालने की तैयारी कर रही है। इस यात्रा के दौरान कांग्रेस नेताओं को राज्य सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है।
सभी जिला मुख्यालयों से निकाली जाने वाली इस पदयात्रा में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों के अलावा महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, एनएसयूआई के साथ ही सभी मोर्चा प्रकोष्ठों के पदाधिकारी शामिल होंगे। इस दौरान वे दो अक्टूबर से देशभर में निकाली जाने वाली भारत जोड़ो यात्रा की जानकारी भी लोगों को देंगे।
तिरंगे को लेकर पहले क्या थे नियम
इससे पहले तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की इजाजत थी। पहले मशीन से बने और पॉलिएस्टर से बने झंडे को फहराने की अनुमति नहीं थी। बदलाव के बाद ‘हाथ से काटा या हाथ से बुना हुआ या फिर मशीन से बना राष्ट्रीय ध्वज, यह कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/ रेशमी खादी से बना भी हो सकता है।