सचिन पायलट और दीपक बैज के सामने हुआ अशोक चक्र का अपमान: अमित चिमनानी

रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी ने खरसिया के कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री उमेश पटेल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने राष्ट्रीय प्रतीक और संविधान की गरिमा का प्रतीक अशोक चक्र का अपमान किया है। भाजपा प्रवक्ता अमित चिमनानी ने सोशल मीडिया में वायरल एक तस्वीर का हवाला देते हुए दावा किया कि उमेश पटेल एक कार्यक्रम के दौरान अशोक चक्र के प्रतीक पर जूते पहने बैठे नजर आ रहे हैं। भाजपा ने इसे संविधान, राष्ट्रीय ध्वज, सेना और शौर्य पुरस्कार का अपमान करार दिया है। चिमनानी ने कहा कि यह घटना कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट और दीपक बैज की मौजूदगी में हुई, लेकिन दोनों ने विरोध करने के बजाय वहां सेल्फी खिंचवाई।
“कांग्रेसियों का शर्मनाक कृत्य” – भाजपा प्रवक्ता
भाजपा प्रवक्ता अमित चिमनानी ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि यह हरकत सिर्फ अपमानजनक ही नहीं, बल्कि देश के लोकतंत्र और संविधान की आत्मा पर चोट करने वाली है। उन्होंने कहा, “जिस अशोक चक्र को देश के जवानों को सर्वोच्च वीरता पुरस्कार स्वरूप दिया जाता है, वह राष्ट्रीय गौरव और शौर्य का प्रतीक है। उसी अशोक चक्र पर कांग्रेस विधायक जूते पहने बैठे नजर आ रहे हैं। यह कृत्य संवैधानिक मूल्यों, राष्ट्रीय अस्मिता और जवानों की शहादत का अपमान है। कांग्रेस का यह चरित्र कोई नया नहीं है, बल्कि यह उनके डीएनए में शामिल है।”
सचिन पायलट और दीपक बैज की मौजूदगी पर सवाल
चिमनानी ने कांग्रेस के दो बड़े नेताओं पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब यह घटना हुई, तब मंच पर सचिन पायलट और छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज मौजूद थे। भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया, “अगर वे सच में देश के संविधान और प्रतीकों का सम्मान करते, तो इस अपमानजनक कृत्य का विरोध करते। लेकिन दोनों नेताओं ने चुप्पी साध ली और यहां तक कि सेल्फी खिंचवाने में व्यस्त रहे। यह उनकी मानसिकता और राजनीतिक स्वार्थ को दर्शाता है।”
“कांग्रेसियों ने मजदूरी में भी किया घोटाला”
भाजपा ने केवल अशोक चक्र अपमान का ही मुद्दा नहीं उठाया, बल्कि कांग्रेस की हालिया रैली पर भी गंभीर आरोप लगाए। चिमनानी ने कहा, “इस तथाकथित रैली से जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि कांग्रेसियों ने भीड़ जुटाने के नाम पर महिलाओं को 200 रुपये मजदूरी देने का वादा किया था, लेकिन मौके पर उन्हें केवल 100 रुपये थमाए गए। यह कांग्रेस के भ्रष्ट चरित्र और धोखेबाजी का ताजा सबूत है।” उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस में संगठन के फंड से लेकर रैली खर्च तक हर जगह घोटाला होता है। मजदूरी में भी गड़बड़ी करना इस बात को साबित करता है कि कांग्रेस का मूल चरित्र ही भ्रष्टाचार और जनता से छलावा करना है।
“कांग्रेस का राजनीतिक चरित्र बेनकाब”
भाजपा प्रवक्ता अमित चिमनानी ने कहा कि उमेश पटेल की यह हरकत कांग्रेस के असली चेहरे को उजागर करती है। उनके अनुसार, “ऊपर से नीचे तक कांग्रेसियों में चमचागिरी और नेताओं की चापलूसी की होड़ मची हुई है। यही वजह है कि वे राष्ट्रीय प्रतीकों तक का अपमान करने से नहीं चूकते। सचिन पायलट जैसे बड़े नेता भी इस अपमान पर चुप रहते हैं, क्योंकि उनके लिए पार्टी का स्वार्थ और पद महत्वपूर्ण है, न कि देश का सम्मान।”
संवैधानिक और आपराधिक अपराध
चिमनानी ने इस मामले को संवैधानिक मूल्यों के उल्लंघन और आपराधिक श्रेणी का अपराध करार दिया। उन्होंने मांग की कि कांग्रेस विधायक पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का आचरण देश की जनभावनाओं को आहत करता है और यह भारतीय सेना के जवानों के शौर्य व बलिदान का खुला अपमान है।
भाजपा का आक्रामक रुख
भाजपा ने इस पूरे प्रकरण को मुद्दा बनाकर कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है। पार्टी प्रवक्ता ने साफ संकेत दिया कि आने वाले दिनों में यह विवाद बड़ा राजनीतिक हथियार बनेगा। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस की रैली में जो हुआ, वह महज एक संयोग नहीं बल्कि कांग्रेस की मानसिकता का प्रतीक है। जनता को यह समझना होगा कि जिस पार्टी के नेता राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान नहीं कर सकते, वह जनता का सम्मान क्या करेंगे।
सोशल मीडिया पर बढ़ी बहस
इस घटना से जुड़े चित्र और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। एक ओर कांग्रेस समर्थक इसे विरोधियों की साजिश बता रहे हैं, वहीं भाजपा कार्यकर्ता और आम लोग इसे गंभीर अपमान मान रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह बहस छिड़ गई है कि क्या अशोक चक्र जैसे राष्ट्रीय प्रतीकों के साथ इस तरह की हरकत पर सिर्फ माफी से काम चल जाएगा या कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।