छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर मुठभेड़, SI सहित 2 जवान घायल
कांकेर : छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच करीब 3 घंटे से मुठभेड़ जारी है। इसमें सब इंस्पेक्टर सहित 2 जवान घायल हुए हैं। उन्हें एयर-लिफ्ट कर अस्पताल पहुंचाया गया है। वहीं जवानों की मदद के लिए बैकअप फोर्स भी रवाना की गई है।
घायल सब इंस्पेक्टर सतीश पाटील महाराष्ट्र की C-60 फोर्स के जवान हैं। उन्हें बाएं कंधे में गोली लगी है। उन्हें हेलिकॉप्टर से कांकेर के बांदा से गढ़चिरौली भेजा गया है। बताया जा रहा है कि मुठभेड़ कांकेर के पंखाजुर और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जंगल में हुई है।
गढ़चिरौली से महाराष्ट्र पुलिस और C-60 के जवान सर्चिंग पर निकले थे। इसी बीच झारावंडी थाना क्षेत्र के जंगल में दोपहर करीब 1:30 से 2:00 बजे के बीच नक्सलियों से सामना हो गया। फिलहाल इलाके में सर्चिंग जारी है। ज्यादा जानकारी जवानों के लौटने के बाद ही मिल सकेगी।
कौन हैं C-60 एंटी नक्सल कमांडो
गढ़चिरौली जिले की स्थापना के बाद से ही पूरे क्षेत्र में नक्सली गतिविधियां बढ़ गई थी। इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्कालीन SP केपी रघुवंशी ने 1 दिसंबर 1990 को C-60 की स्थापना की। उस वक्त इस फोर्स में सिर्फ 60 विशेष कमांडो की भर्ती हुई थी, जिससे इसे यह नाम मिला। नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए गढ़चिरौली जिले को दो भागों में बांटा गया। पहला उत्तर विभाग, दूसरा दक्षिण विभाग।
प्रशासनिक कामकाज भी करते हैं C-60 कमांडो
इन कमांडो को विशेष ट्रेनिंग दी जाती है। इन्हें दिन-रात किसी भी समय कार्रवाई करने के लिए ट्रेंड किया जाता है। इनकी ट्रेनिंग हैदराबाद, NSG कैंप मनेसर, कांकेर, हजारीबाद में होती है। नक्सल विरोधी अभियान के अलावा ये जवान नक्सलियों के परिवार, नाते-रिश्तेदारों से मिलकर उन्हें सरकार की योजनाओं के बारे में बताकर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का काम भी करते हैं। नक्सली इलाकों में ये प्रशासनिक समस्याओं की जानकारी भी जुटाते हैं।