सांप ने काटा तो करवाई झाड़ फूंक:घंटों बाद गुनिया खुद बोला- अस्पताल ले जाओ, अंतत: महिला की मौत

सांप ने काटा तो करवाई झाड़ फूंक:घंटों बाद गुनिया खुद बोला- अस्पताल ले जाओ, अंतत: महिला की मौत

 

जमीन पर सो रही एक महिला को यहां एक जहरीले सांप ने काट लिया। परिवार वालों को इसका पता चला तो सीधे अस्पताल ले जाने की बजाय उन्होंने महिला को ठीक करने के लिए झाड़ फूंक करने वाले ओझा गुनिया को बुला लिया। जहर उतारने के नाम पर ओझा ने घंटों तरह तरह के प्रयोग किए और परिवार वालों को दिलासा देता रहा कि महिला के बदन से सांप का जहर उतर जाएगा और वह ठीक हो जाएगी। घंटों कोशिश करने के बाद महिला की हालत में कोई सुधार नहीं आया। उल्टे उसकी हालत बिगड़ने ली।

जब हालत बहुत बिगड़ गई तो फगुनिया को उसे लगा कि उसकी कोशिशों से कोई हल निकलने वाला नहीं है तो उसने परिजनों को सलाह दी कि महिला को अस्पताल ले जाएं। गुनिया के यह कहने के बाद परिवार वाले महिला को अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने बताया कि उसकी मौत हो चुकी है। घटना बगीचा थाना क्षेत्र के डूमरपाली गांव की है।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक गांव की कोरवा बस्ती में ठुमरी बाई नामक 60 साल की एक बुजुर्ग महिला शुक्रवार की रात जमीन पर सो रही थी। इसी दौरान रात दस बजे के करीब उसे सांप ने काट लिया। उसने शोर मचाया तो परिजनों ने उससे वजह पूछी। सर्पदंश की बात पता चलते ही उन्होंने झाड़फूंक का फैसला लिया। इसी के चलते महिला के सही इलाज में देर हुई और उसकी जान चली गई।

अस्पताल में 98 फीसदी बच जाते हैं
सर्पदंश के आंकड़ों के मुताबिक सांप काटने के बाद पीड़ित को अगर तुरंत अस्पताल ले आया जाए तो 98 फीसदी मामलों में उनकी जान बचा ली जाती है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में बरसात आते ही एंटी स्नेक वेनम की डोज भेज दी जाती है। चिकित्सकीय सूत्र बताते हैं कि सर्पदंश से होने वाली मौतों में क्रमश: कमी आ रही है। सर्पदंश की घटनाओं को रोकने और इलाज के लिए अस्पताल लाने के लिए लोगों को तैयार करने के लिए संबंधित सरकारी विभाग द्वारा दशकों से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

लोगों को खासतौर पर इस मौसम में जमीन पर न सोने की हिदायत दी जाती है। मगर गांवों में लोग आज भी चटाई बिछाकर जमीन पर सो जाते हैं। इसके अलावा झाड़ फूंक पर उनका विश्वास अब भी बना हुआ है। वे पीड़ितों को पहले ओझा गुनिया को दिखाते हैं। इससे पता चलता है कि जो प्रयास किए जा रहे हैं उन्हें और तेज करने की जरूरत है। अस्पतालों में और अच्छी सुविधाएं दी जाएं तो भी लोगों की प्राथमिकता बदलने में मदद मिलेगी।


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