बिजली बिल हाफ पर अब लाभ की पर्ची:बिल के साथ स्लिप देकर बताया जा रहा कितनी छूट दी गई; 41 लाख उपभोक्ताओं तक पहुंचेगी
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली बिल हाफ योजना पर नया दांव खेला है। बिजली कंपनी जुलाई महीने के बिल के साथ एक अलग पर्ची भी दे रही है। इसमें बताया जा रहा है कि बिजली बिल हाफ योजना के तहत संबंधित उपभोक्ता को कितनी छूट दी गई है। इस पर्ची में यह जानकारी है कि योजना शुरू होने से अब तक उपभोक्ता को कितने रुपए की छूट दी जा चुकी है।
सामान्य तौर पर बिजली बिल में फिक्स्ड चार्ज, एनर्जी चार्ज, ड्यूटी, सेस आदि मदों का जिक्र होता है। छत्तीसगढ़ सरकार ने मार्च 2019 से बिजली बिल हाफ योजना शुरू की थी। इसके तहत 400 यूनिट तक की खपत में बिजली बिल पर आधी राहत दी जा रही है। तब से बिजली कंपनी बिल में एक मद बनाकर बाकायदा बताती रही है कि उस महीने के बिल में रिबेट कितना दिया गया है।
अगस्त 2022 से बिजली कंपनी ने एक अलग पर्ची में इस छूट का विशेष उल्लेख करना शुरू कर दिया है। इस पर्ची में लिखा है कि बिजली बिल हाफ योजना के अंतर्गत 400 यूनिट तक बिजली की खपत पर बिल आधा कर दिया जाता है। इसके तहत आपको निम्नलिखित छूट का लाभ प्राप्त हुआ है। इसके साथ ही कनेक्शन नंबर, उपभोक्ता का नाम, बिल जारी होने का महीना, इस माह छूट का लाभ और योजना शुरू होने से लेकर अभी तक कुल छूट का लाभ का मद बना हुआ है।
राज्य विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक मनोज खरे का कहना है, बिजली बिल में भी रिबेट की जानकारी दी गई होती है। लेकिन अधिकतर उपभोक्ता उसे देखते नहीं है। कहीं पूछने पर वे बता नहीं पाते कि उनको कितनी छूट मिल रही है। अब बिल के साथ एक पर्ची हर महीने उपभोक्ताओं को दी जाएगी। इसमें उनको जानकारी होती रहेगी कि इस महीने उनको सरकार की ओर से बिल में कितनी छूट मिली है।
41 लाख घरेलू उपभोक्ताओं तक पर्ची
बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास 60 लाख से अधिक उपभोक्ता हैं। उनमें 56 लाख उपभोक्ता घरेलू श्रेणी के हैं। उनमें से भी 41 लाख उपभोक्ताओं को बिजली बिल हाफ योजना का फायदा मिल रहा है। इन 41 लाख घरेलू उपभोक्ताओं तक यह पर्ची पहुंचनी है।
तीन सालों में 2500 करोड़ की छूट मिली
अधिकारियों का कहना है कि बिजली बिल हाफ योजना मार्च 2019 से चल रही है। तब से लेकर जुलाई 2022 तक 2500 करोड़ रुपए से अधिक की छूट दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह स्पष्ट किया है कि इसको बंद करने की कोई योजना नहीं है। यानी बिजली बिल हाफ योजना जारी रहेगी।
विपक्ष के हमलों का जवाब
राजनीतिक हलकों में इस कदम को बिजली दरों में वृद्धि के बाद बढ़े विपक्ष के हमलों का जवाब माना जा रहा है। मानसून सत्र के दौरान विपक्ष ने सरकार पर जो आरोप लगाए थे उसमें बिजली भी मुख्य मुद्दा था। सरकार के रणनीतिकारों ने बयानों से जवाब देने की जगह जनता को सीधा बताने का उपाय खोजा है। सरकार उपभोक्ताओं को बता रही है कि उनके बिजली बिल का खर्च कम करने में वह कितना योगदान कर रही है।