बदलता ट्रेंड:सरकारी नौकरी के लिए करना पड़ रहा लंबा इंतजार, इसलिए निजी कंपनियों में दिलचस्पी

बदलता ट्रेंड:सरकारी नौकरी के लिए करना पड़ रहा लंबा इंतजार, इसलिए निजी कंपनियों में दिलचस्पी

राजधानी समेत राज्यभर में अब नौकरी का ट्रेंड बदलता जा रहा है। बारहवीं या ग्रेजुएशन के बाद युवा सरकारी नौकरी का इंतजार करने के बजाय निजी कंपनियों में भी नौकरी करना पसंद कर रहे हैं। क्योंकि सरकारी विभागों में इनके लिए नौकरियां कम होती हैं और जब नौकरियां निकलती हैं तो उनमें आवेदकों की संख्या लाखों में होती है।

इस वजह से उन्हें नौकरी पाने लंबा इंतजार करना पड़ता है। ऐसे युवाओं को नौकरी देने राज्य सरकार सभी 28 जिलों में लगातार हर हफ्ते निशुल्क प्लेसमेंट कैंप लगा रही है। इन कैंपों में प्राइवेट कंपनियों के खाली पदों पर उन्हें अच्छी सैलरी में नौकरी दी जा रही है। यही वजह है कि पिछले पांच साल में लगे कैंपों में 1.50 लाख से ज्यादा युुवा नौकरी के लिए इंटरव्यू देने पहुंचे हैं।

हर महीने बढ़ रहे कैंप
प्लेसमेंट कैंप से नौकरी देने का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। 2011 में जब इसे शुरू किया गया तो पदों और आवेदकों की संख्या 5 हजार भी नहीं पहुंची थी। लेकिन पिछले पांच साल में पदों की संख्या हजारों और आवेदकों की संख्या लाखों में पहुंच गई है। 2019-20 में 389 कैंप में 4363 लोगों को नौकरी दी गई, अभी 2022-23 में 528 कैंपों में 10004 युवाओं को नौकरी देने का लक्ष्य तय किया गया है।

नामी कंपनियां भी
प्लेसमेंट कैंप में कई नामी कंपनियां भी शामिल हो रही हैं। इसमें इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस, उद्योग बाजार, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, टाटा मोटर्स, सुजुकी, एनआइबीएफ एडुटेक प्राइवेट लिमिटेड, रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विस (रैपिडो), करियर की पाठशाला, कई दवाई कंपनियां, उद्योग समेत जिलों की लोकल बड़ी कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों में युवाओं को नियुक्ति दी जा रही है।

रायपुर समेत राज्यभर में तकरीबन हर हफ्ते प्लेसमेंट कैंप लग रहे हैं। इसमें पदों से ज्यादा आवेदन मिल रहे। नौकरी पाने वालों की संख्या भी पांच साल में तीन गुना बढ़ गई। कई सेक्टरों में ट्रेनिंग के बाद युवाओं को भटकना नहीं पड़ रहा, उन्हें तुरंत नौकरी मिल रही। -केदार पटेल, उपसंचालक रोजगार केंद्र


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