छत्तीसगढ़ में 3 साल की बच्ची को स्वाइन फ्लू:बालोद की बच्ची रायपुर में भर्ती, प्राइवेट लैब ने जांच में पुष्टि की; प्रदेश में एक्टिव केस 11 हुए

छत्तीसगढ़ में 3 साल की बच्ची को स्वाइन फ्लू:बालोद की बच्ची रायपुर में भर्ती, प्राइवेट लैब ने जांच में पुष्टि की; प्रदेश में एक्टिव केस 11 हुए

छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है। अब बालोद में 3 साल की बच्ची में संक्रमण की पुष्टि हुई है। बच्ची को रायपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं कलेक्टर ने अलर्ट कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग को भी मुस्तैदी से काम के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद प्रदेश में स्वाइन फ्लू के एक्टिव केस 11 हो गए हैं। एक दिन पहले ही रविवार को कवर्धा की 4 साल की बच्ची की मौत भी इलाज के दौरान रायपुर में हुई है।

इस साल बालोद में यह पहला स्वाइन फ्लू का केस है। बच्ची गुंडरदेही ब्लॉक के ग्राम सतमरा की रहने वाली है। बच्ची को स्वाइन फ्लू की पुष्टि एक प्राइवेट लैब की रिपोर्ट पर की गई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले में अभी प्रारंभिक स्थिति है। इस पर नियंत्रण के लिए जांच प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी। इस वायरस से होने वाले सिम्टम्स को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। जिससे लोगों का उचित इलाज हो सके।

 

कोविड के बाद नया खतरा, जिले में अलर्ट
जिले में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच स्वाइन फ्लू नया खतरा बनने लगा है। जिले में अभी कोरोना के 227 एक्टिव केस हैं। वहीं अब स्वाइन फ्लू का भी पहला मामला दर्ज किया गया है। कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने बताया की प्रोटोकॉल के हिसाब से सारे कार्य किए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि तीन साल की बच्ची में स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने की जानकारी मिली है।

अब तक 28 लोग आ चुके स्वाइन फ्लू की चपेट में
प्रदेश भर में अब तक 28 लोग स्वाइन फ्लू की चपेट में आ चुके हैं। इसमें से 4 साल के एक बच्चे की मौत हो गई है। कवर्धा की रहने वाली बच्ची सर्दी-जुकाम से पीड़ित थी। परिजनों ने उसे 4 जुलाई को रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां उसे निमोनिया बताया गया, बाद में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई। डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची की मौत फेफड़ों के पूरी तरह काम बंद करने की वजह से हुआ है।

क्या है यह स्वाइन फ्लू

डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया, स्वाइन फ्लू भी सामान्य इंफ्लूएंजा यानी सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों वाला ही होता है। अंतर यह है कि सामान्य सर्दी-जुकाम अधिकतम तीन दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन स्वाइन फ्लू में यह कई दिनों तक चलता है। इससे श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचता है। छोटे बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और दिल, किडनी, फेफड़े, रक्तचाप, कैंसर आदि की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए यह फ्लू घातक हो सकता है।

यह लक्षण दिखें तो नजरअंदाज न करें

डॉक्टरों का कहना है, स्वाइन फ्लू एक इंफ्लुएंजा वायरस की वजह से होता है जो सूअरों में पाया जाता है। तीन दिनों से अधिक समय तक 101 डिग्री से अधिक बुखार रह रहा हो, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ हो रही हो, नाक से पानी आ रहा हो या फिर नाक पूरी तरह बंद हो गई हो, थकान, भूख में कमी और उल्टी जैसे लक्षण स्वाइन फ्लू हो सकते हैं। अगर ऐसे लक्षण दिखें तो इसे नजर अंदाज न करें। तुरंत अस्पताल पहुंचकर जांच कराएं।


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