चिटफंड कंपनियों में से निवेशकों की राशि वापस दिलाने में कार्यवाही तेज हुई
3 AUGUST 2022 रायपुर : कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में चिटफंड घोटाला मामले की जांच और पैसे लौटाने का वादा किया था. . छत्तीसगढ़ में 187 चिटफंड कंपनियां संचालित थी. जिसमें एक लाख पांच हजार लोग निवेशक है लगभग 20 लाख परिवारों का करोड़ों रुपए चिटफंड कंपनियों में फंसा हुआ है.छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चिटफंड कंपनियों से निवेशकों की जमा राशि वापस दिलाने की कार्रवाई में तेजी लाने के लिए कहा है। राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने गृह विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान कहा कि जिला स्तर पर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की समिति बनाई जाए, जो चिट फंड कंपनियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई की प्रगति की हर सप्ताह समीक्षा करे।
उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर निवेशकों और स्थानीय लोगों से चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों की जानकारी लेकर वसूली के लिए नियमानुसार कार्रवाई की जाए। इसके लिए पोर्टल भी बनाया जा सकता है।
समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 187 अनियमित चिटफंड कंपनियों के खिलाफ 427 प्रकरण पंजीबद्ध है, इनमें से 265 प्रकरण न्यायालयों में विचाराधीन हैं।
राज्य सरकार ने जनता को धोखाधड़ी से लूटने वाली 33 चिटफंड कंपनियों पर शिकंजा कसते हुए उनकी संपत्ति राजसात करने का निर्णय लिया है। इन कंपनियों की चल-अचल संपत्तियों की पहचान पूरे प्रदेश में कर ली गई है। इन्हें बेचकर जनता का पैसा लौटाया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि संपत्तियों को बेचकर करीब 50- करोड़ रुपए जमा कर लिया जाएगा। चिटफंड कंपनियों को लेकर सरकार पर भारी दबाव है।
गृह विभाग ने चिटफंड कंपनियों का ब्योरा इकट्ठा कर लिया है और जल्द ही संपत्तियों को राजसात करने की कार्रवाई होगी। हालांकि यह राशि भी ऊंट के मुंह में जीरे की तरह होगी। वजह कंपनियों से जनता से करीब दस हजार करोड़ रुपए चार सौ बीसी से ठगे हैं। जबकि इन कंपनियों ने झांसा देकर करीब 2- लाख लोगों से निवेश कराया है। निवेशकों को पैसे लौटाएं जाएंगे