राजस्व मंडल के कूटरचित आदेश से जमीन का फर्जीवाड़ा, हाईकोर्ट ने खारिज की 2 आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका
अंबिकापुर : राजस्व मंडल के कूटरचित आदेशों से जमीन फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया था। मामले की जांच के बाद दोषी लोगों के खिलाफ कलेक्टर ने एफआईआर के आदेश दिए थे। कलेक्टर के आदेश पर जिले के विभिन्न थानों में कई लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। मामले में आरोपी अशोक अग्रवाल व घनश्याम अग्रवाल ने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में आवेदन लगाया था। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने दोनों आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। इससे जमीन फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
राजस्व मंडल छग बिलासपुर के कूटरचित आदेशों को प्रस्तुत कर इसका क्रियान्वयन कराने आवेदन प्रस्तुत करने वालों पर कलेक्टर विलास भोस्कर के निर्देश पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में तहसीलदार अंबिकापुर के समक्ष आरोपी अशोक अग्रवाल निवासी राजपुर और आवेदक घनश्याम अग्रवाल निवासी प्रेमनगर सूरजपुर का प्रकरण संज्ञान में आया था।
इसमें कलेक्टर सरगुजा द्वारा राजस्व मंडल बिलासपुर को आवेदकों द्वारा प्रस्तुत कूटरचित आदेशों की प्रमाणिकता जांचने प्रेषित किया गया था।जांच के बाद आरोपियों द्वारा प्रस्तुत आदेशों तथा राजस्व मंडल द्वारा पारित आदेशों में भिन्नता स्पष्ट रूप से पाई गई। इस क्रम में सितंबर माह में कलेक्टर द्वारा आवेदकों के विरुद्ध संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए।
शिकायतकर्ता व भाजपा पार्षद आलोक दुबे का कहना है कि इस पूरे मामले में अंबिकापुर पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। बतौली टीआई भी संदेह के दायरे में हैं। दोनों थानों में कुल 12 एफआईआर दर्ज किए 4 महीने बीत गए। इस दौरान 46 लोगों पर एफआईआर हुई, लेकिन एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया। यह जांच का विषय है।