CM भूपेश की मौजूदगी में दिल्ली में बनी शिमला जीतने की रणनीति
दिल्ली का छत्तीसगढ़ सदन रविवार को हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए कांग्रेस का वॉर रूम बना रहा। यहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। इसमें इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव की जीत से जुड़े बुनियादी कार्यक्रम तय किए गए। इसी सिलसिले में अगस्त में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हिमाचल दौरे पर भी जाएंगे।
दिन भर चली बैठक के बाद मुख्यमंत्री देर शाम रायपुर लौट आए। हवाई अड्डे पर प्रेस से चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, AICC ने हिमाचल प्रदेश चुनाव में जिनको जिम्मेदारी दी है वे सभी चेयरमैन उपस्थित थे। पीसीसी चीफ, CLP लीडर और तमाम नेता लोग वहां मौजूद थे। आगामी विधानसभा चुनाव के संदर्भ में बहुत ही गंभीर मंत्रणा हुई है। किस प्रकार से हम लोगों को संगठन के साथ मतदाताओं के बीच में पहुंचना है, किन-किन मुद्दों को लेकर जाना है उन सारी बातों पर वहां चर्चा हुई। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में आक्रामक प्रचार की रणनीति तय की गई।
पुरानी पेंशन को बनाएंगे मुद्दा
बघेल ने बताया, हिमाचल में भी छत्तीसगढ़ की तरह पुरानी पेंशन बहाली को प्रमुख मुद्दे के रूप में चुना गया है ताकि बड़ी संख्या में राज्य कर्मचारियों का समर्थन हासिल किया जा सके। बैठक में भाजपा शासन काल में हुए कुछ घोटालों का भी जिक्र हुआ, जिसे कांग्रेस हथियार के तौर पर इस्तेमाल करेगी। वहीं किसानों, बागान मालिकों, मजदूरों और बेरोजगारों का मुद्दा उठाने पर सहमति बनी।
बैठक में मौजूद रहे ये दिग्गज नेता
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का अगस्त के दूसरे सप्ताह में दो-तीन दिनों के लिए हिमाचल प्रदेश के दौरे पर जाना लगभग तय हो गया है। इस बैठक में सचिन पायलट, हिमाचल प्रदेश के प्रभारी और छत्तीसगढ़ के सांसद राजीव शुक्ला, पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री आदि वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
बांधी के बयान पर कहा- नशा अच्छी बात नहीं
भाजपा नेता कृष्णमूर्ति बांधी के बयान से उठे सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, नशा किसी भी प्रकार का हो वह अच्छी बात तो है ही नहीं। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार की एजेंसी 10 ग्राम गांजा पकड़ने के नाम पर पूरे बॉम्बे में घूमती रही है। उनके वरिष्ठ नेता यह कहते हैं कि गांजा पीना चाहिए। गांजा तो प्रतिबंधित है! तो पहले अपनी सरकार से गांजा खुलवाने की बात कर लें। बांधी ने कहा था कि गांजा-भांग को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
रेलवे के निजीकरण की कोशिश का आरोप लगाया
मुख्यमंत्री ने रेलवे के निजीकरण की कोशिश का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, एक हजार से अधिक ट्रेनें पहले ही बंद हैं। ट्रेन की टिकट बढ़ गई हैं। प्लेटफार्म के टिकट बढ़ गए हैं और निजीकरण की ओर बढ़ रहे हैं। कुल मिलाकर लोगों को सस्ती यात्रा अब सुलभ नहीं होगी।