सामान्य सभा में खुली पोल: रेत माफिया के ‘नाइट–नेटवर्क’ का खुलासा — खनिज और खाद्य विभाग पर जनप्रतिनिधियों का हमला
बिलासपुर : जिला पंचायत की सामान्य सभा सोमवार को उस समय तनाव और तल्ख बहस का मैदान बन गई, जब सदस्यों ने खनिज विभाग और खाद विभाग पर ताबड़तोड़ सवालों की झड़ी लगा दी। बैठक की अध्यक्षता सभापति राजेश सूर्यवंशी ने की और जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप अग्रवाल की विशेष उपस्थिति रही। खनिज विभाग, जिला महिला एवं बाल विकास, खाद्य विभाग, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास तथा लोक निर्माण विभाग के अधिकारी उपस्थित थे, लेकिन जैसे ही चर्चा खनिज विभाग पर पहुँची—बैठक का पूरा रंग बदल गया।
रेत का अवैध खेल: खनिज विभाग पर सबसे तीखे वार
सभा में सबसे पहले कोनी और सेंदरी क्षेत्र में रेत माफिया के सक्रिय होने का मुद्दा उठा। जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि अर्पण तट पर रेत का अवैध कारोबार खनिज विभाग की ‘मौन सहमति’ से चल रहा है।
बेलतरा विधायक प्रतिनिधि उमेश गौराहा, कोनी–सेंदरी क्षेत्र की जनप्रतिनिधि स्मृति त्रिलोक श्रीवास, और जिला पंचायत सदस्य दामोदर कांत ने खनिज निरीक्षक राजू यादव को सीधे कठघरे में खड़ा कर दिया। प्रश्नों की ताबड़तोड़ बौछार इतनी तेज थी कि बैठक में मौजूद कई अधिकारी सन्न रह गए।
उमेश गौराहा ने स्पष्ट कहा कि कोनी–सेंदरी क्षेत्र में पूरी रात रेत का अवैध उत्खनन होता है। दिन दहाड़े होने वाला अवेद्युत खनन जब हमें दिखाई देता है तो खनिज विभाग को क्यों नहीं दिखाई देता। ट्रैक्टर ही नहीं हाईवे से बड़े पैमाने पर रेत का अवैध परिवहन होता है, और “खनिज विभाग की भूमिका बहुत ही संदिग्ध” है। उन्होंने दावा किया कि उनके पास प्रमाण तक मौजूद हैं। वह सिद्ध कर सकते हैं कि खनिज अधिकारियों की मिलीभगत रेत माफिया से कितनी गहरी है।
गढ़वट–सरवानी–चौराहा देवी में वसूली—खुले आरोप
गौराहा इतने तीखे थे कि उन्होंने एक–एक लोकेशन का नाम लेते हुए आरोप लगाया—गढ़वट, सरवानी और चोराहा देवी इलाके में रेत माफिया से वसूली की जा रही है।
उन्होंने खनिज निरीक्षक को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि चाहें तो बैठक के बीच ही ऑडियो–वीडियो चला सकता हूँ।
सभापति का छत्तीसगढ़ी तंज—माहौल ठहाकों से गूंज उठा
लगातार हमलों के बीच जब खनिज निरीक्षक इधर–उधर की बातों में उलझने लगे, तो सभापति राजेश सूर्यवंशी खुद बोल उठे। खनिज अधिकारी का नाम पूछने के साथ तंज कसते हुए कहा—कि खनिज अधिकारी ला एक बेर बुला लव, ओकर चेहरा तो देखेच नइ हन।
यह संवाद सुनते ही पूरी सभा में सन्नाटा और फिर भारी ठहाकों का माहौल बन गया। लेकिन ठहाकों के बाद फिर से माहौल उतना ही तनावपूर्ण हो गया—क्योंकि अगला मुद्दा और भी विस्फोटक था।
खदान का सीमांकन नहीं—दूसरी जगह अवैथ उत्खनन
सदस्यों ने बताया कि निरतु ग्राम पंचायत की एलॉटेड रेत खदान का सीमांकन अब तक नहीं हुआ। इसी अवसर का फायदा उठाकर रेत माफिया आवंटित क्षेत्र छोड़कर आसपास से रेत निकाल रहे हैं। रेत माफिया बेलगाम हो गए हैं। इसलिए खदान का सीमांकन बहुत जरूरी है। सभा में साफ कहा गया— कि सीमांकन कराओ… नहीं तो माफिया पूरे इलाके को बर्बाद कर देंगे।
मस्तूरी क्षेत्र में अवैध कोयला डंपिंग—दामोदर कांत
जिला पंचायत सदस्य दामोदर कांत ने बताया कि लावर ग्राम पंचायत क्षेत्र में अवैध कोयला डंपिंग की जा रही है। कोयले का पहाड़ इतना बड़ा हो गया है कि ग्रामीण आक्रोशित हैं—फसल बर्बाद हो रही है, पानी प्रदूषित है—और खनिज विभाग को पता तक नहीं” कि लाइसेंस दिया गया है या नहीं। उन्होंने गुस्से में कहा—सतत निगरानी होती तो आप आज जवाब देने की स्थिति में होते!
धान के रकबे को बनाया तोरई का रकबा
खाद विभाग जब जवाब देने आया, तब भी सवाल उतने ही भारी थे। एक प्रतिनिधि ने बताया कि बेलतरा विधानसभा के खमहारडीह ग्राम पंचायत का आश्रित गांव कुआंपाली में धान की रकबा को तोरई का रकबा बताया गया है । जबकि ऐसा है ही नहीं ।किसान सालों साल से धान की फसल ले रहे हैं। यह गंभीर लापरवाही महीनों से ठीक नहीं की गई है।
खाद्य नियंत्रक अमृत कुजूर ने स्वीकार किया कि यह गलती सर्वे टीम की हो सकती है ।शिकायत के बाद गलती को पटवारी ठीक कर सकते हैं।
स्मृति त्रिलोक श्रीवास की चेतावनी.. खदान नहीं खुलने देंगे
खनिज विभाग ने यह कहकर बचने की कोशिश की कि जहां अवैध उत्खनन ज्यादा होता है, वहां सरकारी खदान खोल दी जाती है। इस पर स्मृति त्रिलोक श्रीवास ने आपा खोते हुए कहा—कोनी में तीन–तीन विश्वविद्यालय हैं, संभाग आयुक्त का कार्यालय है, बिलासा ताल है, घनी आबादी है… यहां खदान खोलना हादसों की दावत देना है। हम इसे किसी भी हालत में नहीं होने देंगे! उन्होंने निरतु के मामले की तरह कोनी क्षेत्र में भी सीमांकन की मांग उठाई।
रॉयल्टी की 65 लाख की राशि छह साल से अटकी
बेलतरा विधायक प्रतिनिधि गौराहा ने कहा कि छह साल से पंचायत को मिलने वाली 65 लाख की रॉयल्टी राशि रोक दी गई है। क्या पंचायत हाईकोर्ट जाएगी तब पैसे मिलेंगे? दूसरों को तो मिल गए!”
खनिज निरीक्षक ने मामले की जांच की बात कही।
रात–भर हाईवे से रेत परिवहन पर सभापति का सवाल
सभापति सूर्यवंशी ने पूछा कि जब पूरी रात हाईवे पर रेत जा रही है तो संयुक्त टीम कैसे कार्रवाई कर रही है? खनिज निरीक्षक ने कर्मचारियों की कमी का हवाला दिया, लेकिन जवाब संतोषजनक नहीं लगा।
ध्यान खरीदी..टोकन आवंटन, वारदाना प्रबंधन पर सवाल
राजेंद्र धीवर ने शिकायत की कि धनिया गांव की समिति में प्रबंधक ने अपने रिश्तेदार को ही कंप्यूटर ऑपरेटर रख लिया। बैंक अधिकारियों ने साफ किया—“रिश्तेदारों की भर्ती का कोई अधिकार उन्हें नहीं है। धान खरीदी और और समिति प्रबंधकों को लेकर सवालों का जवाब जिला सहकारी बैंक सीईओ और मारकफेड अधिकारी ने भी दिया।
वारदाना उपलब्धता पर सफाई
सामान्य सभा के दौरान खाद्य नियंत्रक अमृत कुजूर ने धान खरीदी व्यवस्था और वारदाना उपलब्धता को लेकर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले में इस वर्ष धान उपार्जन के लिए पर्याप्त वारदाना की व्यवस्था की जा रही है और जिन समितियों में कमी की शिकायत मिली है, वहां प्राथमिकता से आपूर्ति भेजी जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों को किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए विभाग लगातार स्टॉक की निगरानी और वितरण की समीक्षा कर रहा है। कुजूर ने यह भी कहा कि वारदाना के आवंटन और धान उठाव की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सभी खरीद केंद्रों को निर्देशित किया गया है।
